कोलकाता 4 फरवरी। बजट को समझने के लिए बजट प्रस्तावों पर चर्चा आवश्यक है, यह बात आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, कोलकाता के उपाध्यक्ष डुव्वुरु आर.एल. रेड्डी ने सैटरडे क्लब में केंद्रीय बजट 2025-26 पर एक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कही। सेमिनार का आयोजन कलकत्ता सिटीजन्स इनिशिएटिव एंड कंसर्न फॉर कलकत्ता की ओर से सोमवार शाम को किया गया।
इस अवसर पर आईआईएम, शिलांग के अध्यक्ष शिशिर बाजोरिया ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए बजट प्रस्तावों की सराहना की। पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त आरएस उपाध्याय ने आयकर विभाग के बदलते स्वरूप और विभाग द्वारा एकत्र किए गए डेटा की बात की।
अधिवक्ता नारायण जैन ने नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय वाले मध्यम वर्ग पर कोई आयकर नहीं लगाने के सराहनीय प्रस्ताव की सराहना की, जिससे उन्हें खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कर निर्धारण वर्ष के अंत में अद्यतन रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए समय को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल करने की भी सराहना की।
अधिवक्ता एसएम सुराणा ने धर्मार्थ ट्रस्ट और संस्थाओ को राहत देने की सराहना की और आयकर में प्रावधानों के उचित प्रारूपण की सलाह दी ताकि संबंधित धाराओं में भी संशोधन किया जा सके।
कंसर्न फॉर कलकत्ता के अध्यक्ष ओ.पी. झुनझुनवाला ने स्वागत भाषण दिया और कलकत्ता सिटीजन्स इनिशिएटिव के महासचिव सीए के.एन. गुप्ता ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
सेमिनार का संचालन सीए मुस्कान सेठिया ने किया। कार्यक्रम को डीबीएस बैंक, बेंगानी एक्सपोर्ट् , मारोती एडवाइजर्स, एनसीएलटी कोलकाता बार एसोसिएशन, राजस्थान बंगाल मैत्री परिषद, लीगल रिलीफ सोसाइटी और चूरू नागरिक परिषद द्वारा समर्थित किया गया था। पवन पहाड़िया, लेखा शर्मा, अधिवक्ता रमाकांत सुरेलिया, बी.एल.दुगड़ , सीए सुनील सुराणा, आरपी सराफ, सुभद्रा घोष, शिल्पी मल्लिक, केसी तिवारी, विनीता बर्मन ने सक्रिय रूप से भाग लिया।