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उभरते रक्षा विनिर्माण उद्योग को सहायता देने के लिए पुनर्गठन का फैसला
रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन संवर्धन निदेशालय अलग से गठित किया जायेगा
नई दिल्ली, 28 मार्च। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में सुधार और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) के पुनर्गठन का फैसला लिया गया है। रक्षा उत्पादन विभाग ने गुरुवार को इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसका उद्देश्य गुणवत्ता परीक्षणों की गति बढ़ाना तथा निर्णय लेने में विभिन्न स्तरों पर होने वाली अनावश्यक देरी को कम करना है। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) का निगमीकरण करने के बाद अब पुनर्गठन होने से डीजीक्यूए की भूमिका भी बदलेगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार आयुध कारखानों के नए डीपीएसयू में निगमीकरण करने से निजी रक्षा उद्योग की भागीदारी बढ़ी है। उभरते रक्षा विनिर्माण उद्योग को सहायता देने के लिए डीजीक्यूए के पुनर्गठन की जरूरत महसूस की गई। यह संस्थान पहले से ही रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम में सभी हितधारकों के साथ सक्रिय विचार-विमर्श के बाद विभिन्न संगठनात्मक और कार्यात्मक सुधारों का संचालन कर रहा है। पुनर्गठन होने के बाद संपूर्ण उपकरण, हथियार प्लेटफॉर्म के लिए सभी स्तरों पर गुणवत्ता में एकरूपता आएगी। साथ ही रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन संवर्धन के अलग निदेशालय का भी गठन किये जाने की योजना है।
स्वचालित और मानकीकृत आश्वासन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के साथ इस व्यवस्था से डीजीक्यूए के साथ रक्षा उद्योग की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है। पुनर्गठित संरचना और मौजूदा कार्यात्मक सुधारों से देश में निर्माताओं का मार्गदर्शन करने के लिए भारतीय मानकों की उपलब्धता के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशीकरण अभियान को बढ़ावा मिलेगा। इससे उच्च गुणवत्ता वाले योग्य रक्षा उत्पादों के निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा।