नई दिल्ली, 12 मार्च । केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले और उससे संबंधित साइबर अपराधों में पिछले तीन वर्ष में तीन गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के तहत 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को बचाया गया है।

गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पिछले तीन वर्षों में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर डिजिटल अरेस्ट और ब्लैकमेल के दर्ज अपराधों के आंकड़े प्रस्तुत किए। आंकड़ों के अनुसार एनसीआरपी पर 2022 में 39,925 ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें कुल 91.14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। वर्ष 2023 में 60,676 ऐसे अपराध दर्ज किए गए जिनमें कुल 339.03 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।

आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में ऐसे मामलों की संख्या लगभग तीन गुना बढ़कर 1,23,672 हो गई। इस दौरान धोखाधड़ी की राशि 21 गुना बढ़कर 1935.51 करोड़ रुपये हो गई। वहीं 2025 में 28 फरवरी तक मात्र दो माह में 17,718 डिजिटल गिरफ्तारी और संबंधित साइबर अपराधों के मामले दर्ज किए गए। इनसे 210.21 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाओं समेत साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित ढंग से निपटने के लिए तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए उपाय किए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज अब तक 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को बचाया गया है।

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने डिजिटल गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 3,962 से अधिक स्काइप आईडी और 83,668 व्हाटसएप खातों की सक्रिय रूप से पहचान की और उन्हें ब्लॉक कर दिया।

28 फरवरी 2025 तक पुलिस अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट किए गए 7.81 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2,08,469 आईएमईआई को भारत सरकार ने ब्लॉक कर दिया है।