कोलकाता, 10 अक्टूबर।
कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन ने बुधवार को जोर पकड़ लिया जब पुलिस ने पूजा मंडप में नारेबाजी के आरोप में 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी को लालबाज़ार थाने ले जाया गया, जिससे डॉक्टरों की नाराजगी बढ़ गई है। जूनियर डॉक्टरों ने इसके खिलाफ धर्मतला स्थित अनशन स्थल से लालबाज़ार तक मार्च निकालने का फैसला किया। हालांकि, पुलिस ने पहले ही बेंटिंक स्ट्रीट और लालबाज़ार के रास्ते में बैरिकेड्स लगा दिए, जिससे मार्च को रोक दिया गया।
जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को “अभया परिक्रमा” नामक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें वे प्रतीकात्मक रूप से आर.जी. कर अस्पताल और जयनगर की पीड़िता की मूर्ति को वाहन में लेकर पूजा मंडपों का दौरा करने वाले थे। कार्यक्रम के तहत, वे तृणमूल विधायक देवाशीष कुमार के नाम से जुड़े त्रिधारा समिति के पूजा मंडप में पहुंचे, जहां उन्होंने न्याय की मांग को लेकर नारेबाजी की। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
घटना की जानकारी मिलते ही अन्य आंदोलनकारी लालबाज़ार की ओर कूच करने लगे। लेकिन पुलिस ने बेंटिंक स्ट्रीट पर ही बैरिकेड्स लगा दिए और लालबाज़ार की ओर जाने वाले रास्ते पर बसें खड़ी कर दीं, जिससे डॉक्टर वहीं धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी परिक्रमा के दौरान मिनीडोर वाहन को चांदनी चौक के पास पुलिस ने अवैध रूप से रोक दिया। जब पुलिस ने वाहन को रोकने का प्रयास किया तो जूनियर डॉक्टर मौके पर पहुंच गए और पुलिस के साथ तीखी बहस हुई। पुलिस का कहना था कि उनके पास वाहन चलाने की अनुमति नहीं थी, जबकि डॉक्टरों का दावा था कि यह वाहन वैध रूप से किराए पर लिया गया था। इस दौरान काफी लोग वहां जुट गए, और सेंट्रल एवेन्यू की सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
हालांकि, आंदोलनकारियों ने पुलिस से मिनीडोर को छुड़ा लिया और मानव शृंखला बनाकर वाहन को आगे बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए।