
कोलकाता, 10 नवंबर । पश्चिम बंगाल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के विभिन्न कार्यों और योजनाओं में सीएजी से ऑडिट कराए जाने की मांग की है।
सोमवार को आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के मंत्री जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं या जिन्होंने मुख्यमंत्री की मदद की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की कई योजनाओं के नाम बदलकर और आर्थिक अनुशासन का उल्लंघन कर लगातार अराजकता फैला रही है।
अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से लेकर 2023 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार को धनराशि दी। लेकिन, 2018 से 2023 के बीच सागरदिघी के काबिलपुर क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस के पूर्व प्रधान ने 17 घर अपने नाम कर लिए, जबकि नवदा ब्लॉक के एक प्रधान ने अपने चाचा, चाची, भतीजे और अन्य परिजनों के नाम पर 35 घर आवंटित कराए।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल में भूस्खलन और बाढ़ राहत के लिए निर्धारित 134 करोड़ रुपये को आपदा प्रबंधन विभाग से हटाकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में स्थानांतरित कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए दी गई राशि को किसी अन्य विभाग में उपयोग करना पूरी तरह अवैध है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दार्जिलिंग, तराई और डुआर्स के भूस्खलन पीड़ितों की मदद करने की बजाय मुख्यमंत्री ने धनराशि का दुरुपयोग किया है। यह कार्य निंदनीय, लज्जाजनक और अवैध है।
उन्होंने आगे बताया कि दार्जिलिंग के सांसद ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह सचिव को शिकायत पत्र भेजा है, जिसमें क्षेत्र की दयनीय स्थिति का विस्तार से उल्लेख किया गया है।








