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नई दिल्ली, 8 फरवरी । भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी को पहली बार हार का स्वाद चखाया है। पिछले 10 सालों से सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी के कई बड़े चेहरे इस चुनाव में हार गए हैं। स्वयं पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट बचाने में नाकाम रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल- वर्ष 2013 में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीते थे। इसके बाद लगातार दो बार वह इस सीट से जीते लेकिन इस बार वह भाजपा के पूर्व सांसद प्रवेश साहिब सिंह से 4 हजार से अधिक वोटों से हार गए। कांग्रेस के संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें 4,568 वोट मिले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाला मामले में जेल जाना पड़ा था और जेल से बाहर आकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से आतिशी मुख्यमंत्री पद पर बनी हुई थीं।
मनीष सिसोदिया- दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में बदलाव लाने वाले चेहरे के तौर पर पेश आम आदमी पार्टी के नेता इस बार पड़पड़गंज की जगह जंगपुरा से चुनाव लड़े। हालांकि यहां पर भी वह अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे और भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह से 675 वोटो से हारे। तीन बार के विधायक सिसोदिया भी आबकारी नीति घोटाले में करीब डेढ़ साल जेल में गुजार कर आए हैं।
सौरभ भारद्वाज – आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट से 2013 के बाद तीन बार जीते लेकिन इस बार वह भाजपा की शिखा राय से 3000 से अधिक मतों से हार गए। आबकारी घोटाले में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के जेल में जाने के बाद वह पार्टी का एक बड़ा मीडिया चेहरा भी बने थे। वे दिल्ली सरकार में कई विभागों के मंत्री थे जिसमें गृह और जलापूर्ति शामिल है। उन्हें माना जा रहा था कि यह सीट उनकी सुरक्षित रहेगी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
दुर्गेश पाठक – आम आदमी पार्टी के शीर्ष निकाय में शामिल रहे दुर्गेश पाठक राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। पाठक को दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट से भाजपा के उमंग बजाज से 1200 से अधिक वोटों से चुनाव हारे हैं। वह 2022 में उपचुनाव से यह सीट जीते थे।
अवध ओझा- आईएएस कोचिंग करने वाले यूट्बबर अवध ओझा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। उन्हें पार्टी ने पूर्वी दिल्ली की पड़पड़गंज सीट से मैदान में उतारा था। यह सीट मनीष सिसोदिया ने छोड़ी थी। वे राजेंद्र नेगी से बड़े मतों के अंतर यानी 28000 से अधिक वोटो से जीते हारे हैं।
सत्येन्द्र जैन- दिल्ली सरकार में रहते हुए घोटाले के आरोपों में सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाले सत्येंद्र जैन को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। शकूरबस्ती विधानसभा सीट से उन्हें 20000 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा है। वह आम आदमी पार्टी के प्रमुख चेहरे रहे और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं।
सोमनाथ भारती- आम आदमी पार्टी में विवादस्पद चेहरा बने सोमनाथ भारती भी इस बार हार गए हैं। उन्हें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने 2000 से अधिक मतों से हराया। भारती दिल्ली सरकार में मंत्री रहे हैं लेकिन विवादों में घिरने के बाद उनको मंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
राखी बिड़लान- राखी बिड़लान दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष रही हैं। वे दिल्ली सरकार में मंत्री रहीं। हालांकि इस बार उन्होंने मंगोलपुरी की जगह मादीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और हार गईं। उन्हें भाजपा उम्मीदवार कैलाश गंगवाल ने 10 हजार से अधिक मतों से हराया।