‘इंडिया’ की जीत महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित करेगी

चेन्नई 15 अक्टूबर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता का आह्वान करते हुए कहा है कि भाजपा को निर्णायक रूप से हराना लोकतांत्रिक ताकतों के लिए ऐतिहासिक अनिवार्यता है। उन्‍होंने कहा कि गठबंधन इंडिया की जीत न केवल महिलाओं बल्कि सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।

द्रमुक की महिला इकाई की ओर से आयोजित महिला अधिकार सम्मेलन में अपने संबोधन में स्टालिन ने संसद में पारित महिला आरक्षण विधेयक के तत्काल कार्यान्वयन की मांग की। उन्होंने उपस्थित सभी नेताओं से महिलाओं के अधिकारों और देश के लोगों की सुरक्षा के लिए भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए 2019 से दिखाए गए तमिलनाडु मॉडल का अनुसरण करते हुए एकजुट होकर काम करने का अनुरोध किया है।

सम्मेलन में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत इंडिया गठबंधन की कई प्रमुख महिला नेता मौजूद थीं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के कानून में एक महत्वपूर्ण दोष ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षण का अभाव है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें आंतरिक आरक्षण दिया जाए तो ही हाशिये पर पड़े और आर्थिक रूप से वंचितों की आवाज विधानसभाओं और संसद में गूंजेगी।

उन्होंने कहा,“ऐसा लगता है कि भाजपा कुछ और ही पसंद करती है। हमें इसे केवल भाजपा द्वारा एक राजनीतिक चाल के रूप में नहीं, बल्कि संभावित रूप से एक व्यापक साजिश के रूप में समझना चाहिए।”

स्टालिन ने कहा कि इंडिया ब्लॉक केवल एक चुनावी गठबंधन नहीं है, बल्कि एक वैचारिक गठबंधन है। उन्होंने कहा,“भाजपा को केवल एकता के माध्यम से हराया जा सकता है। तमिलनाडु ने 2019 के चुनावों के बाद से यह दिखाया है।”

उन्होंने कहा,“तमिलनाडु की तरह पूरे भारत में हर राज्य में एक संयुक्त गठबंधन बनाया जाना चाहिए। अगर भाजपा विरोधी छोटे-मोटे मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुट हो सकते हैं तो हम निश्चित रूप से भाजपा को हरा सकते हैं।उन्‍होंने कहा भाजपा को हराना भारत में हर लोकतांत्रिक ताकत की ऐतिहासिक अनिवार्यता है।”

श्री स्टालिन ने कहा कि द्रमुक उप महासचिव एवं सांसद कनिमोझी – उनकी बहन और द्रमुक महिला विंग की नेता – ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए यह सम्मेलन बुलाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन के तहत, न केवल महिलाओं के  बल्कि सभी नागरिकों के अधिकारों में कटौती की जा रही है।

उन्होंने पूछा,“क्या संसदीय प्रणाली अस्तित्व में रहेगी? क्या लोकतंत्र अस्तित्व में रहेगा? ये कुछ बड़े सवाल आज हमारे सामने हैं।”

द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक राष्ट्र, एक भाषा, एक धर्म, एक संस्कृति, एक चुनाव, एक परीक्षा और एक भोजन’ के बैनर तले एक दलीय शासन स्थापित करने के इरादे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा रास्ता अंततः एक विलक्षण तानाशाही शक्ति का नेतृत्व करेगा।

उन्होंने घोषणा की,“यही कारण है कि आगामी संसदीय चुनावों में भाजपा को निर्णायक रूप से हराया जाए। जैसे-जैसे संसदीय चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वे (भाजपा) संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के वादे के साथ महिलाओं को धोखा दे रहे हैं। भाजपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक गुप्त उद्देश्य से इस कानून का मसौदा तैयार किया है कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वास्तव में साकार नहीं हो पाये।”

उन्होंने कहा,“हम मोदी की सराहना कर सकते थे अगर कानून में कहा जाता कि महिलाओं को आसन्न संसदीय और विधानसभा चुनावों में 33 प्रतिशत आरक्षण आवंटित किया जाएगा। लेकिन उनका कहना है कि इसे जनगणना और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा।”

स्टालिन ने कहा कि महिला संबंधित विधेयक केवल 2029 या संभवतः 2034 के आसपास ही प्रभावी होगा। उन्होंने कहा, जो भी हो, लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि मोदी की सरकार 2024 से अधिक नहीं टिकेगी।

उन्होंने कहा कि जब 1996 में द्रमुक ने कांग्रेस समर्थित संयुक्त मोर्चा शासन के दौरान इसी तरह का कानून पेश किया था, तब ऐसी कोई शर्त नहीं थी। उन्होंने कहा, इसी तरह, 2010 में जब हमारी गठबंधन सरकार ने इस तरह का कानून प्रस्तावित किया था तो वह भी इन शर्तों के बिना था। स्टालिन ने आरोप लगाया,“भाजपा द्वारा निर्धारित मौजूदा पूर्व शर्तें उनकी निष्ठाहीनता को उजागर करती हैं।”