कोलकाता, 18 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में बिना लाइसेंस की दुकानों को हटाने का निर्देश दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब डॉक्टरों और जनता द्वारा वहां हुई एक महिला डॉक्टर के बर्बर बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध किया जा रहा है।
इससे पहले, आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ अस्पताल परिसर में बिना लाइसेंस की दुकानों को मोटी कमीशन के बदले में अनुमति देने की कई शिकायतें आ चुकी थीं। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि ये बिना लाइसेंस की दुकानें मुख्य रूप से बाहरी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बन गई थीं, जिससे अस्पताल परिसर का माहौल खराब हो रहा था।
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को कॉलेज काउंसिल की बैठक में इन दुकानों को हटाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया, जहां उपस्थित कई सदस्यों ने इन अवैध दुकानों को तत्काल हटाने की मांग की।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “अगले सात दिनों के भीतर इन बिना लाइसेंस की दुकानों को नोटिस जारी किया जाएगा ताकि वे अपना सामान हटा सकें। यदि वे इसका पालन नहीं करते हैं, तो प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में अन्य मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से भी ऐसी अवैध दुकानों को हटाने की पहल की जा सकती है।”
आरजी कर में तैनात सभी 29 सिविक वॉलंटियर्स को हटा दिया गया है और उनकी जगह उतने ही पुलिसकर्मियों, जिनमें महिला कर्मी भी शामिल हैं, को तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बर्बर बलात्कार और हत्या के बाद से, सिविक वॉलंटियर्स की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई थी, क्योंकि इस मामले में “मुख्य आरोपित” भी एक सिविक वॉलंटियर था।