वॉशिंगटन, 9 अगस्त। अमेरिका की मध्यस्थता में दो पुराने प्रतिद्वंद्वी अजरबैजान और आर्मेनिया ने शुक्रवार को शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में हुए इस शांति समझौते में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान शामिल हुए।

आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच शांति समझौते को लेकर ट्रंप ने कहा कि दोनों देश 35 वर्षों तक लड़ते रहे हैं और अब लंबे समय तक दोस्त बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने हमेशा के लिए लड़ाई बंद कर यात्रा, व्यापार और राजनयिक संबंधों को खोलने का वादा किया है।

आर्मीनिया और अजरबैजान के दोनों नेताओं ने ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें संघर्ष खत्म कराने में मदद के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि वे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि आर्मीनिया और अजरबैजान विवाद की जड़ नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र है, जो अजरबैजान का हिस्सा होते हुए भी जातीय रूप से आर्मेनियाई आबादी वाला इलाका रहा। 80 के दशक के अंत में यह आर्मेनिया के समर्थन से अलग हो गया था। 2023 में अजरबैजान ने पूरा नियंत्रण वापस ले लिया, जिसके बाद लगभग 1 लाख जातीय आर्मेनियाई लोग आर्मेनिया चले गए।