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अदालत आरोपी की गिरफ्तारी से 75 दिनों में सुनवाई पूरी कर दिया सजा का ऐलान
कोलकाता, 18 फरवरी। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सात माह की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के दोषी व्यक्ति को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। मंगलवार को बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष पोक्सो अदालत ने इस जघन्य अपराध के आरोपित को मौत की सजा का ऐलान किया।
अदालत ने सोमवार को ही आरोपित को दोषी करार दिया था। अदालत ने कहा कि यह अपराध ‘दुर्लभतम में दुर्लभ’ श्रेणी का है और ऐसे मामलों में अधिकतम सजा देना ही न्यायसंगत होगी। अभियोजन पक्ष ने भी अदालत से आग्रह किया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी को मृत्युदंड दिया जाए। यह मामला कोलकाता के बड़तल्ला इलाके का है, जहां सात माह की मासूम बच्ची को आरोपित ने अगवा कर इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी राजीव घोष को गिरफ्तार कर पांच दिसंबर को अदालत पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया। इस तरह से अदालत ने महज 75 दिनों के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी कर सजा का ऐलान कर दिया।
अदालत ने दोषी राजीव घोष को भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2), 140 (4), 137 (2) और 118, साथ ही पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी करार दिया। इनमें से पहली और अंतिम धारा के तहत अधिकतम सजा फांसी निर्धारित है। यह दिल दहला देने वाली घटना 30 नवंबर-24 को घटी थी। इसके बाद आरोपित राजीव घोष फरार हो गया था। पुलिस ने उसे पांच दिसंबर को झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने 30 दिसंबर को पहली चार्जशीट दाखिल की और उसके कुछ ही दिनों बाद पूरक चार्जशीट भी प्रस्तुत कर दी।
मामले में विशेष लोक अभियोजक बिभास चटर्जी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि पीड़िता का अब भी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा है। सात जनवरी से शुरू हुई सुनवाई केवल 40 दिनों में पूरी कर ली गई, जिससे पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सका।
छह महीने में पश्चिम बंगाल में सातवीं फांसी की सजायह पश्चिम बंगाल में पिछले छह महीनों के भीतर अदालत द्वारा सुनाई गई सातवीं मौत की सजा है। वहीं पोक्सो कानून के तहत यौन अपराध के मामले में यह छठा मृत्युदंड है।