
कोलकाता, 12 मार्च । होली से पहले कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्सों में चीन से आए सस्ते अबीर की बिक्री पर कोलकाता पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कड़ी नजर है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, चीन से अवैध रूप से तस्करी कर लाए गए इन अबीरों में हानिकारक रसायन मिले होने की आशंका है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
हर साल होली और दोलोत्सव से पहले अबीर और रंगों की बिक्री तेज हो जाती है। बड़े बाजारों, दुकानों और सड़कों पर अस्थायी स्टॉलों में ये उत्पाद धड़ल्ले से बिकते हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक, कुछ भारतीय व्यापारिक कंपनियां चीन से अबीर और रंग आयात करती हैं, जिनमें से कुछ उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं। लेकिन समस्या उन सस्ते चीनी अबीरों को लेकर है, जो चोरी-छिपे नेपाल के रास्ते उत्तर बंगाल और बिहार होते हुए कोलकाता के बड़े बाजारों में पहुंचाए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, कोलकाता के बड़े व्यापारिक इलाकों, खासकर बड़ा बाजार में कुछ व्यापारियों ने इन सस्ते चीनी अबीरों का भंडारण कर रखा है। इनमें से कई को देश में बने अबीर के साथ मिलाकर बेचा जाता है, जबकि कुछ को अलग से पैक कर बाजार में उतारा जाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, सस्ता चीनी अबीर ज्यादातर सिंथेटिक रंगों से तैयार किया जाता है, जिनमें टैल्कम पाउडर, सीसा और पारा जैसे हानिकारक रसायन मिले होते हैं। लाल, गुलाबी और नीले रंग के अबीरों में इन रसायनों की मात्रा अधिक पाई जाती है, जिससे त्वचा और आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, हवा में घुलने से यह सांस संबंधी बीमारियों को भी जन्म दे सकता है।
खुफिया सूत्रों की मानें तो इन चीनी अबीरों की कीमत स्थानीय अबीर की तुलना में काफी कम होती है। जहां भारतीय अबीर की कीमत 60 से 120 रुपये प्रति किलो होती है, वहीं चीनी अबीर महज 30 से 50 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है। इसी कारण यह व्यापारियों के लिए फायदे का सौदा बन जाता है और वे इसे धड़ल्ले से खरीद रहे हैं।
कोलकाता पुलिस और खुफिया एजेंसियां इन सस्ते चीनी अबीरों की रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई कर रही हैं। बड़ा बाजार सहित अन्य गोदामों पर विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस के अनुसार, यह अबीर आमतौर पर बड़े थैलों में स्टोर किए जाते हैं और जरूरत पड़ने पर इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भी भेजा जा सकता है।