नाथद्वारा (राजसमंद), 13 नवम्बर। पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा में दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट का महोत्सव हुआ। भगवान श्रीनाथजी के मंदिर में गोवर्धन पूजा पर बड़ी संख्या में सजी—धजी गौमाताओं को रिझाया गया और गोबर से बना गोवर्धन पर्वत रुंदवाया गया।
इस परम्परा की शुरुआत रविवार को कान जगाई की परम्परा से हुई जिसके तहत मंदिर की नाथूवास स्थित गौशाला में गौमाताओं के कान में गोवर्धन पूजा का निमंत्रण दिया गया।
गोवर्धन पूजा के तहत गायों को मेहंदी, रंग ओर मोरपंख आदि से सजाया गया। दोपहर बाद गौशाला से गायों को ग्वालबाल रिझाते और खेलाते हुए लाए। शाम करीब साढ़े पांच बजे गौमाताएं गोवर्धन पूजा के लिए मंदिर के अंदर लाई गईं। यहां तिलकायत महाराज ने उनका पूजन किया। इसके बाद गोबर से बने गोवर्धन को गौमाता के पैरों से गचरवाया गया।
पुष्टिमार्गीय परम्परा के अन्य स्थानों पर स्थित मंदिरों में भी सोमवार को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव हुए। नाथद्वारा में परम्परा अनुसार अन्नकूट के दर्शन के बाद मध्यरात्रि अन्नकूट की लूट भी होती है। नाथद्वारा क्षेत्र का जनजाति भील समाज परम्परानुसार अन्नकूट के प्रसाद को लूटने पहुंचता है। इस परम्परा के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।