
– देवरी केन्द्र पर 20 दिवस में 134 अण्डों से निकलने की संभावना
मुरैना, 22 मई। राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में जलीय जीव की संख्या वृद्धि के लिये आरंभ किया गया प्रयास आज फिर सफल होता दिख रहा है। अभ्यारण्य के दो नदी घाट से लाये गये 200 अण्डों में से 66 से घड़ियाल के बच्चे (हैचलिंग) बाहर निकले हैं। शेष अण्डों से लगभग 20 दिवस के अंदर शावक निकलने की प्रबल संभावना है।
आज निकले सभी घड़ियाल के बच्चे (हैचलिंग) स्वस्थ बताये जा रहे हैं। अण्डों से निकलने के बाद सभी घड़ियाल क ेबच्चों को ट्रीटमेंट पश्चात स्वच्छ पानी के पूल में सुरक्षित रखा गया है। वन विभाग के देवरी घड़ियाल केन्द्र पर इन बच्चों की लगभग 3 वर्ष तक निगरानी की जायेगी। घड़ियाल के
बच्चों की लम्बाई एक मीटर 20 सेन्टीमीटर होने पर नदी के विभिन्न घाटों पर विचरण के लिये छोड़ दिया जायेगा।
राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य के 435 किलोमीटर क्षेत्र में सबलगढ़ गैंम रेंज जिला श्योपुर बरोली घाट से 15 मई को 78 अण्डे एकत्रित किये गये थे। यह अण्डे मादा घड़ियाल के दो स्थानों से 28 एवं 50 संग्रहित किये थे। इनमें से आज एक स्थान के 28 अण्डों में से ये बच्चे निकले। इसी तरह विगत दिवस 21 मई को 50 अण्डों में से 38 अण्डों से बच्चे निकले हैं। अभी 12 अण्डे सुरक्षित रखे गये हैं। नदी घाट से अण्डे लाकर उसी तापमान में देवरी घड़ियाल केन्द्र पर रखे जाते हैं। अण्डों से बच्चे बाहर निकलने से पूर्व कडक़ड़ाने की आवाज आती है। इस आवाज को सुनकर ही घड़ियाल केन्द्र के प्रशिक्षित वनकर्मी अण्डों से बच्चों को बाहर निकालने की प्रक्रिया पूर्ण करते हैं।
बच्चों को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने के लिये क्लीनिकल ट्रीटमेंट देने के बाद साफ पानी के टैंक में विचरण के लिये छोड़ा जाता है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नदी घाट से अण्डे लाये गये थे । इनमें मुरैना जिले की देवरी गैंमरेंज के बाबू सिंह की घेर से 15 मई को 122 अण्डे लाकर सुरक्षित रखे गये है। वन अधिकारी व कर्मचारी सभी अण्डों की निगरानी कर रहे हैं। आगामी 20 दिवस में इन अण्डों में से कडक़ड़ाने की आवाज आने की संभावना है। विदित हो कि राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभ्यारण्य में वर्तमान समय 2462 घडिय़ाल विचरण कर रहे हैं। विलुप्त प्राय: जलीय जीव घडिय़ाल की प्राकृतिक वातावरण में जीवन दर दो फीसदी है। इनका संरक्षण व संवर्धन करने के लिये स्थापित किये गये हैचिंग सेंटर पर कृत्रिम वातावरण में जीवन दर 50 फीसदी से अधिक मानी जाती है।
देवरी घड़ियाल पालन केंद्र की प्रभारी ज्योति डंडोतिया ने बताया कि देवरी में हर साल चंबल से 200 अंडे एकत्रित कर कैप्टिविटी हैचरी में रखे जाते हैं। जहां एक चैंबर बनाया जाता है। अंडों को सुरक्षित रखने के लिए तापमान 30 डिग्री से 35 डिग्री के बीच मेंटेन किया जाता है। घड़ियाल के बच्चे बाहर आने के बाद उनके स्वास्थ्य के हिसाब से तापमान मेंटेन किया जाता है। उन्होंने बताया कि जब घड़ियाल के बच्चे 1.2 मीटर की लंबाई के हो जाते हैं तो उन्हें चंबल नदी में खुला घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है। लंबाई कम होने पर इन्हें देवरी अभ्यारण्य केंद्र में रखा जाता है और लंबाई पूरी होने पर चंबल में छोड़ दिया जाता है।
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