नई दिल्ली, 13 मार्च । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रचनात्मक उद्योग से भारत की कहानी को दुनिया तक पहुंचाने और इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने अपने काम के केंद्र में विश्वास और प्रामाणिकता रखने और अपने द्वारा उत्पन्न आउटपुट के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही लेने की आवश्यकता पर जोर दिया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में आरआईएसई/डीईएल सम्मेलन-2025 को संबोधित किया। यह तीन दिवसीय बहु-विषयक कार्यक्रम है जो संगीत, रचनात्मक उद्योगों और स्टार्टअप को जोड़ता है।

अपने संबोधन के दौरान गोयल ने भारत के रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र की शक्ति और देश के भविष्य को आकार देने में डिजिटल नवाचार की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अमृतकाल में भारत के उदय (आरआईएसई) में योगदान देने के लिए रचनात्मक उद्योग के लिए 4 पहलुओं की पहचान की। यह हैं- जिम्मेदार सामग्री, अभिनव कहानी सुनाना, कौशल विकास और भारतीय रचनात्मकता का निर्यात करना।

उन्होंने कहा कि कम लागत वाले डेटा तक पहुंच इस सरकार की डिजिटल इंडिया नीति के प्रमुख स्तंभों में से एक रही है, जिसने भारत को वैश्विक स्तर पर डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता बना दिया है।

उन्होंने भारत के रचनात्मक क्षेत्र में मौजूद अपार अवसरों को रेखांकित किया, जो फिल्म, नाटक और थिएटर जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर गेमिंग, एआई-संचालित सामग्री निर्माण और डिजिटल मीडिया को शामिल करने के लिए तेज़ी से विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग, जो पहले से ही एक बहु-अरब डॉलर का क्षेत्र बन चुका है, देशभर में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दे रहा है। उन्होंने प्रतिभागियों को भविष्य की वृद्धि और विकास के लिए रोडमैप विकसित करने के लिए इस तरह के जुड़ाव का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।