-उदयपुर आए माइंड रीडर अक्षय लक्ष्मण और अरुण गौड़ ने अभिभावकों और युवाओं को दिया संदेश

-बोले, परिस्थिति कोई भी हो प्रयत्न करना न छोड़ें

कौशल मूंदड़ा

उदयपुर, 26 दिसम्बर: ऑटो में सफर के दौरान ऑटोचालक ने अपना सपना बताया और वह सपना था कि अगले पांच साल में वह अपने ऑटो का खुद मालिक बनना चाहता है। उसकी सबसे बड़ी खुशी यही थी और इस खुशी के लिए वह लगातार परिश्रम कर रहा था। उसकी इस बात ने यह साबित कर दिया कि हर व्यक्ति की खुशी के मायने अलग होते हैं, किसी के लिए छोटी सी खुशी भी दुनिया के सबसे अमीर आदमी की खुशी से ज्यादा बड़ी हो जाती है तो किसी अमीर आदमी के लिए मामूली नुकसान भी नाखुशी का कारण बन जाता है। समाज की नजरों में ऑटो का मालिक बन जाना कोई बड़ी बात नहीं हो सकती, लेकिन स्वयं के लिए यह बहुत बड़ी बात हो सकती है। इसलिए खुशी की परिभाषा हमारी स्वयं की होनी चाहिए, न कि समाज से प्रभावित।

यह कहना है देश-विदेश में अपने हुनर से धूम मचाने वाले माइंड रीडर अक्षय लक्ष्मण का। विदेशों में 253 शो के साथ एक हजार से अधिक यहां उदयपुर की यात्रा पर आए अक्षय लक्ष्मण ने विशेष बातचीत में अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि बच्चों की खुशी पर फोकस कीजिये, अपनी महत्वाकांक्षाएं मत थोपिये। यदि बच्चा आपकी इच्छा से अलग कॅरियर बनाने की सोच रहा है तो उसे प्रयत्न करने के लिए खुला छोड़ दीजिये, वह अपनी पसंद के कॅरियर में जी-जान लगा देगा। और कड़ी मेहनत रंग लाती ही है। थोपी गई इच्छा पर अनमने मन से काम होगा तो परिणाम भी उसी अनुरूप सामने आएंगे।

उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि वे एक होम्योपैथ चिकित्सक के बेटे हैं, लेकिन उन्हें चार साल की उम्र में मैजिक देखकर उसकी तरफ रुझान बढ़ा और आज वे कॅरियर में स्वयं को बेहतर स्थिति में मानते हैं। वे एवरेज स्टूडेंट रहे, लेकिन पढ़ाई को हमेशा जरूरी माना। भगवान हर बच्चे में अलग सॉफ्टवेयर डालकर भेजता है, बस जरूरत है उस सॉफ्टवेयर के गुणों को समझने की। बच्चों के सामने हमारी छवि हमेशा हीरो की होनी चाहिए, कोई और क्यों उनका रोल मॉडल हो। मूलतः भरतपुर से रिश्ता रखने वाले अक्षय बताते हैं कि उनके पिता ने हमेशा यही कहा, इंसान बड़ा निवाला खा ले, पर बड़े बोल न बोले। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी प्रतीक्षा बी-टेक, एमबीए हैं, लेकिन उन्होंने चित्रकारी को अपना पैशन बनाया।

भारत के प्राचीन ज्ञान-विज्ञान और कलाओं के प्रश्न पर अक्षय ने कहा कि यह अध्ययन और प्रस्तुतीकरण का अपना-अपना तरीका है। हमने हमेशा ट्रिक्स को मनोरंजन की परिभाषा में रखा है। यह सही है कि हमारे प्राचीन ग्रंथों में माइंड रीडिंग, टैलीपैथी और भी कई ज्ञान-विज्ञान, तकनीक और रहस्य की बातें छिपी हैं जो अब अध्ययन की बदौलत बाहर आ रही हैं। कला कोई भी हो, निरंतर अभ्यास और परिश्रम से ही कलाकार को पहचान मिलती है। कहीं-कहीं इसे श्रद्धा से जोड़ लिया जाता है, लेकिन वहां भी यही बात लागू होती है श्रद्धा के साथ कर्म अर्थात प्रयत्न भी उतना ही आवश्यक है। यही बात भगवान श्रीकृष्ण गीता में भी कह गए। अपने प्रयत्न में कमी मत रखिये, शेष ईश्वर आपके लिए जो भी तय करेगा, वह अच्छा ही तय करेगा।

हम ज्योतिषी नहीं, बस काउंसलर हैं

-अक्षय के साथ आए अजमेर के रहने वाले माइंड रीडर अरुण गौड़ ने बातचीत मंे कहा कि कई बार लोग उन्हें ज्योतिषी समझ कर सवाल करने लग जाते हैं, ऐसे मंे उन्हें वे काउंसलिंग के द्वारा समझाते हैं और उनकी दुविधा के समाधान के लिए उनकी मन की उथल-पुथल को एक साइकोलॉजिस्ट की तरह स्थिर करने का प्रयास करते हैं।

हम खुद काबिल होंगे तब सरकार भी पूछ लेगी

-सरकार द्वारा इन कलाओं के संरक्षण के सवाल पर दोनों माइंड रीडर्स ने कहा कि जब आप अपनी कला से लोगों के दिलों पर राज करते हैं और दुनिया में नाम कमाते हैं तब सरकार की नजर स्वतः आप पर पड़ जाती है और आपको अपनी कला के प्रदर्शन के लिए और बेहतर अवसर प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। यह भी एक तरह का सहयोग ही होता है।

शीघ्र उदयपुर में करेंगे शो

-जादू लेखक व जादूगर भंवर तलायचा, आंचल कुमावत, गुरु कुमावत, राज तिलक, योवंतराज माहेश्वरी आदि ने अक्षय लक्ष्मण और अरुण गौड़ से उदयपुर में शो का आमंत्रण दिया है। दोनों ने शीघ्र ही उदयपुरवासियों के लिए शो का वादा किया।