कोलकाता, 05 अक्टूबर। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शनिवार को एक अहम बैठक के दौरान जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने ‘धमकी संस्कृति’ के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि इस संस्कृति में शामिल लोगों को तुरंत सजा दी जाए।

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में अस्पताल के अधिकारी, डॉक्टर और इंटर्न प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक का उद्देश्य ‘धमकी संस्कृति’ के आरोपों पर चर्चा करना था, जिसके चलते कई लोगों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इसी बीच, प्लेटिनम जुबली भवन के बाहर जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने जमकर नारेबाजी की और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की।

जूनियर डॉक्टरों ने यह भी सवाल उठाया कि जांच समिति ने ‘धमकी संस्कृति’ में शामिल 59 लोगों से बातचीत कर ली है, फिर भी किसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस बैठक का घेराव करते हुए प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों पर जोर दिया कि जिनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, उन्हें तुरंत सजा दी जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को आर.जी. कर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में एक महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। इसके बाद उनके साथ बलात्कार और हत्या का आरोप सामने आया, जिसके बाद से अस्पतालों में ‘धमकी संस्कृति’ का मुद्दा भी उठाया गया। इसके तहत जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के कुछ सीनियर डॉक्टरों और हाउस स्टाफ पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया है।

आर.जी. कर अस्पताल के अलावा उत्तर बंगाल और बर्दवान मेडिकल कॉलेज में भी ‘धमकी संस्कृति’ के आरोप लगे हैं। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में कई लोगों को तलब किया, जिनमें अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से जुड़े डॉक्टरों के नाम भी सामने आए हैं। संदीप घोष पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं, और उनके करीबी लोगों पर भी अस्पताल में अपना प्रभाव जमाने का आरोप है।

प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांग को स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन लोगों पर गंभीर आरोप हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।