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कोलकाता, 09 फरवरी । पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में निवेश प्रस्तावों को तेजी से मंजूरी देने के लिए राज्य स्तरीय निवेश समन्वय समिति (स्टेट लेवल इन्वेस्टमेंट सिनर्जी कमेटी) के गठन की घोषणा की है। यह समिति एकल खिड़की प्रणाली के रूप में कार्य करेगी, जिससे उद्यमियों और निवेशकों को आवश्यक मंजूरी और स्वीकृतियां बिना देरी के मिल सकेंगी।
राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के कार्यालय से जारी अधिसूचना के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य औद्योगिक परियोजनाओं और अन्य निवेशों के लिए प्रक्रियाओं को सुगम बनाना और राज्य में “कारोबार करने में आसानी” को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय निवेश समन्वय समिति भी गठित की जाएगी, जो स्थानीय स्तर पर निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति को सुचारु बनाएगी।
सरकार के अनुसार, यह समिति निवेश प्रस्तावों और व्यावसायिक सेवाओं के लिए एक केंद्रीकृत मंच प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य समय पर मंजूरी सुनिश्चित करना, प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करना, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना, शिकायत निवारण प्रणाली को प्रभावी बनाना और डेटा एकीकरण सुनिश्चित करना है।
अधिसूचना के अनुसार, यह समिति हर पखवाड़े बैठक करेगी, जिसमें लंबित आवेदनों की समीक्षा की जाएगी। उद्यमी और निवेशक अपनी परियोजनाओं को सीधे प्रस्तुत कर सकेंगे और अपनी शंकाओं का तत्काल समाधान प्राप्त कर सकेंगे। इस समिति को सचिवालय स्तर की सहायता उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम विभाग प्रदान करेगा।
सरकार ने दावा किया कि इस समिति के गठन से पश्चिम बंगाल एक अग्रणी निवेश गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा और निवेशकों को अभूतपूर्व समर्थन मिलेगा।
गौरतलब है कि इसी सप्ताह पश्चिम बंगाल में दो दिवसीय बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस)-2025 का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि इस बार इस आयोजन में राज्य के लिए 4,40 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।