
सरायकेला,03 जून । झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि दीक्षांत केवल शैक्षणिक यात्रा का अंत नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्वों की शुरुआत है। उन्होंने विद्यार्थियों को देश की वास्तविक निधि बताते हुए आह्वान किया कि वे अर्जित ज्ञान, मूल्य और संवेदनशीलता का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करें। वे मंगलवार को अरका जैन विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में उपाधिधारक विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि हम झारखंड राज्य के राज्यपाल का पदभार ग्रहण के बाद से ही उच्च शिक्षा में सुधार के लिए प्रयत्नशील है। हम ग्रेडिंग सिस्टम में सुधार के लिए सतत प्रयासरत हैं। इस विश्वविद्यालय को ‘ए’ ग्रेड मिलना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कोई भी व्यक्ति सुझाव दे, तो सादर आमंत्रित है। उनकी इच्छा है कि झारखंड प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बने।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की प्राप्ति में सहभागी बनें। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी योजनाओं को युवाओं के लिए नवाचार और उद्यमिता के अवसरों का माध्यम बताया।
राज्यपाल ने भारत की अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तेजी से तीसरा स्थान प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सैनिकों की वीरता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नया भारत है, जो शांति का पक्षधर है, लेकिन मानवता पर हमला होगा, तो यह देश चुप नहीं बैठेगा, क्योंकि दुश्मन को कुचलना भी जानता है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में 35-40 प्रतिशत छात्राओं की भागीदारी को सामाजिक जागरूकता और समरसता का सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को सिर्फ अकादमिक नहीं, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान, कौशल विकास और नैतिकता से भी सज्जित करें। इस मौके पर उन्होंने जमशेदपुर की औद्योगिक परंपरा और टाटा समूह के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उद्योग, सेवा और सामाजिक दायित्वों का समन्वय ही सच्ची प्रगति का मार्ग है।
उन्होंने झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और युवाओं की सामर्थ्य पर विश्वास जताते हुए राज्य को एक आदर्श सामाजिक-आर्थिक मॉडल के रूप में विकसित करने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा सदस्य चम्पाई सोरेन, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ईश्वरन अय्यर, शासी निकाय के सदस्य, अकादमिक परिषद्, शिक्षक, अभिभावक एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।