कोलकाता, 26 अक्टूबर। डायमंड हार्बर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के एक पदाधिकारी का नाम बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की सूची में शामिल किए जाने के आरोप पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस मुद्दे को चुनाव आयोग के समक्ष उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि डायमंड हार्बर इलाके में शासक दल के पदाधिकारियों को बीएलओ की सूची में शामिल किया गया है। इस संदर्भ में उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि मोहम्मद आलाउद्दीन मोल्ला, जो क्षेत्रीय स्तर पर तृणमूल के पदाधिकारी हैं, उनका नाम डायमंड हार्बर विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ की सूची में शामिल है।

अधिकारी ने यह भी बताया कि आलाउद्दीन मोल्ला की पत्नी लियाला बीबी डायमंड हार्बर ब्लॉक नंबर दो की निर्वाचित तृणमूल पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि ऐसे राजनीतिक रूप से संबद्ध व्यक्ति बीएलओ की सूची में बने रहते हैं, तो चुनाव प्रक्रिया में हेराफेरी की पूरी संभावना है।”

शुभेंदु अधिकारी द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरिजित अग्रवाल ने दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट, जो जिले के जिला चुनाव अधिकारी भी हैं, से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में बीएलओ की नियुक्तियों को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है। शुरुआत में आरोप लगे थे कि संविदा कर्मियों और पैराटीचरों को बीएलओ बनाया गया है, जबकि चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया था कि केवल स्थायी सरकारी कर्मचारी या राज्य संचालित स्कूलों के स्थायी शिक्षक ही इस पद के लिए योग्य हैं।

इसी तरह, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की नियुक्तियों को लेकर भी अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। आयोग के निर्देशों के अनुसार, केवल डब्ल्यूबीसीएस कैडर के अधिकारी को ही ईआरओ बनाया जाना चाहिए, परंतु आरोप है कि कई निचले स्तर के अधिकारियों को भी इन पदों पर शामिल किया गया है।

वर्तमान में सीईओ कार्यालय ने मामले की जांच शुरू कर दी है और रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।