
खड़गपुर (पश्चिम मेदिनीपुर), 19 नवंबर । क्रिश्चियन सर्विस सोसायटी (सी.एस.एस.) तथा पी.ए.बी.सी. संस्था की ओर से बुधवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर वर्षों से चल रही कथित अवैध गतिविधियों का खुलासा किया गया। संस्थाओं ने औपचारिक रूप से डेनियल दास के पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द करते हुए नए पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के रूप में सी.एस.एस. की चेयरपर्सन इम्पा जाना को नियुक्त किया है। साथ ही उन्हें पी.ए.बी.सी. के डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 2015 से पी.ए.बी.सी. संस्था ने डेनियल दास को पावर ऑफ अटॉर्नी दिया था, लेकिन आरोप है कि उन्होंने वर्षों तक संस्था को बिना जानकारी दिए स्कूल, हॉस्टल, अस्पताल और चर्च सहित विभिन्न संपत्तियों पर अवैध तरीके से निर्णय लिए तथा कई गैर–कानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया।
संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि डेनियल दास द्वारा पी.ए.बी.सी. की संपत्तियों पर अनधिकृत हस्तक्षेप, अनुचित लेन-देन और मनमानी संचालन की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। जांच के बाद संस्था ने उन्हें सभी पदों से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। उन्होंने अपने सारे दस्तावेज भी प्रेस मिट सार्वजनिक किए ।
इसी दौरान, संस्था ने बताया कि कोटनी जॉर्ज नामक व्यक्ति के विरुद्ध भी गंभीर आरोप हैं। आरोप है कि वे 2014 से जाली दस्तावेज़ों के आधार पर मालिकाना हक जताकर कई अनैतिक एवं संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। इन्हीं मामलों के कारण आज यह प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। कोटनी जॉर्ज से उक्त मामले पर फोन पर बात होने पर उन्होंने सारे आरोपों को निराधार बताया और उनके खिलाफ एक षड्यंत्र चलाया जा रहा है उनके पास सारे तथ्यात्मक दस्तावेज उपलब्ध हैं ।
प्रेस मिट में इंपा जाना ने बताया नई संरचना के अनुसार, इम्पा जाना चेयरपर्सन, क्रिश्चियन सर्विस सोसायटी एवं नया पावर ऑफ अटॉर्नी धारक (पी.ए.बी.सी.) सुभाजित जाना —प्रॉपर्टी चेयरमैन, सी.एस. एस. रिक्ता दास —कोषाध्यक्ष, सी.एस.एस. नियुक्त किया गया है।
संस्था ने स्पष्ट किया कि नया पावर ऑफ अटॉर्नी पी.ए.बी.सी. की सभी संपत्तियों—स्कूल, अस्पताल, चर्च एवं अन्य संस्थानों की सुरक्षा और विधिसम्मत संचालन सुनिश्चित करेगा। संस्था ने कहा कि अब सभी कार्य पारदर्शिता के साथ संस्था के नियम एवं कानूनों के अनुरूप होंगे।
संस्था ने संकेत दिया कि आवश्यक होने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जाएगी, ताकि वर्षों से चली आ रही अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।





