
कोलकाता, 10 अप्रैल । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर टिप्पणी करने को लेकर एक वकील ने अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा है। मामला 2016 की एसएससी भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जिसमें पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। इससे करीब 26 हजार अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं।
ममता बनर्जी ने हाल ही में एक सभा में बेरोजगार हुए अभ्यर्थियों के पक्ष में बोलते हुए कहा था कि सरकार उनकी नौकरियां वापस दिलाने का प्रयास कर रही है। इसी बयान को आधार बनाकर वकील ने अदालत की अवमानना का आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है। उधर इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित बेरोजगारों के पक्ष में खड़ी हैं।
घोष ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री नौकरी गंवाने वालों का समर्थन कर रही हैं और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास कर रही हैं। इस प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए ही अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा गया है। कुछ लोग कानूनी जटिलताएं खड़ी कर इस प्रक्रिया की रफ्तार धीमी करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री न्यायपालिका का सम्मान करती हैं और निष्पक्ष न्याय में विश्वास रखती हैं। पुनर्विचार की मांग करना अदालत की अवमानना नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राम-वाम वोट से नहीं जीत सकते तो कोर्ट में जटिलता पैदा करते हैं।