
कोलकाता, 11 अप्रैल । कोलकाता के कसबा इलाके में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़े ऐतिहासिक ‘सरला पुण्याश्रम’ पर कब्जा कर उसे बहुमंजिली इमारत में बदलने की साजिश का आरोप सामने आया है। इस गंभीर शिकायत पर अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही, महिला आश्रम की निवासियों के साथ मारपीट करने और उन्हें बेदखल करने के आरोपों की जांच के लिए राज्य महिला आयोग भी सक्रिय हो गया है।
राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन लीना गांगुली ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। बताया गया है कि इस आश्रम की स्थापना नेताजी के शिक्षक बेनी माधव दास ने 1929 में की थी और बाद में स्वयं नेताजी के प्रयासों से इसके लिए जमीन आवंटित हुई थी।
आश्रम की महिला निवासी शुक्ला नाग और छंदा कर ने आरोप लगाया है कि एक स्वयंसेवी संस्था ने प्रॉपर्टी प्रमोटरों के साथ मिलकर आश्रम की जमीन पर बहुमंजिली इमारत बनाने की योजना बनाई है। आरोप है कि एक फर्जी चार्टर्ड अकाउंटेंट ने झूठे दस्तावेज तैयार कर महिला निवासियों को जबरन निकालने की कोशिश की है।
‘सरला पुण्याश्रम’ संचालन समिति के अध्यक्ष विश्वजीत गुहा ने जानकारी दी कि इस पूरे मामले को लेकर न केवल राज्य महिला आयोग बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय को भी शिकायत सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि कमजोर और असहाय महिलाओं को हटाने का प्रयास एक गंभीर सामाजिक अपराध है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
‘सरला पुण्याश्रम’ केवल एक साधारण संस्था नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली अतीत का एक जीवित प्रतीक है। आश्रम का विकास नेताजी के प्रयासों से हुआ था, और आगे बिणा दास और कल्याणी देवी ने इसे और भी मजबूत बनाया।
उल्लेखनीय है कि बिणा दास ने अंग्रेज गवर्नर स्टैनली जैक्सन पर गोली चलाकर आजादी के आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी।