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गौरव गोगोई ने सोशलमीडिया पर ‘वाईएफएफपी’ के गठन की याद की ताजाअसमिया लोगों की बुद्धिमत्ता को कम आंकने की गलती न करें: गाैरव गाेगाेई
गुवाहाटी, 14 फरवरी । कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित के साथ एक पैनल चर्चा को लेकर उठे विवाद पर सफाई दी है। गौरव गोगोई ने पैनल चर्चा की तस्वीर सोशलमीडिया पर साझा करते हुए अपने वर्ष 2011 में स्थापित ”यूथ फोरम ऑन फॉरेन पॉलिसी” (वाईएफएफपी) की याद ताजा की है। उन्हाेंने कहा कि असमिया लोगों की बुद्धिमत्ता को कम आंकने की गलती न करें।
गौरव गोगोई ने सोशलमीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वर्ष 2010 में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में इंटर्नशिप के दौरान उनके मन में इस तरह के फोरम की स्थापना का विचार आया था। वर्ष 2011 में उन्होंने यह फोरम भारतीय छात्रों और युवा पेशेवरों के लिए स्थापित किया, ताकि वे विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर चर्चा कर सकें। उन्होंने बताया कि वाईएफएफपी ने भारतीय राजनयिकों और विदेशी राजदूतों के साथ चर्चा आयोजित की। इन चर्चाओं ने छात्रों की समझ और ज्ञान को समृद्ध किया। इस फोरम के जरिए भारत के पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, अमेरिका के पूर्व राजदूत रिच वर्मा, यूनाइटेड किंगडम के पूर्व उच्चायुक्त जेम्स बेवन, प्रोफेसर सी. राजा मोहन, नंदन नीलकर्णी समेत कई विशेषज्ञों के साथ बातचीत का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में इस फोरम की शाखाएं दिल्ली, गुवाहाटी, बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता और चंडीगढ़ में स्थापित की गईं। 2012 में गुवाहाटी में आयोजित एक चर्चा में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्टिग्लिट्ज़ को आमंत्रित करना उनके लिए एक यादगार पल था। वर्ष 2014 में सांसद बनने के बाद उनकी सक्रियता इस फोरम में कम हो गई, लेकिन उन्होंने संतोष जताया कि प्रतिभाशाली युवाओं की एक टीम ने इसकी जिम्मेदारी संभाली और शोध व फैलोशिप कार्यक्रम जारी रखा। अब वह मुख्य रूप से एक मार्गदर्शक की भूमिका में हैं।
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि पाकिस्तान के राजनयिकों के साथ हुई एक चर्चा में सिर्फ क्रिकेट पर ही नहीं, बल्कि किस देश के कबाब अधिक स्वादिष्ट हैं, इस पर भी बहस हुई थी। वाईएफएफपी के बारे में अधिक जानने के इच्छुक लोग इसकी फेसबुक पेज पर जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “असमिया लोगों की बुद्धिमत्ता को कम आंकने की गलती न करें।”
कांग्रेस नेता व सांसद गौरव गोगोई की यह सफाई उनके पाकिस्तान के उच्चायुक्त एवं वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले व्यक्ति के लिए उनकी पत्नी के काम किये जाने को लेकर लगे आरोपों के बाद सामने आई है।