
नई दिल्ली, 2 अगस्त । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि संविधान में हिंदुस्तान की आत्मा निहित है। यही हर देशवासी की ताकत है जो उसे आगे बढ़ने और सम्मान से सिर उठाकर जीने का अधिकार देता है। हम इस आत्मा पर आंच नहीं आने देंगे। कांग्रेस हर कीमत पर संविधान की रक्षा करेगी। खरगे दिल्ली के विज्ञान भवन में कांग्रेस के कानून, मानवाधिकार एवं सूचना का अधिकार विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में विचारधारा की लड़ाई जारी है। एक तरफ कांग्रेस संविधान की रक्षा में खड़ी है, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार संविधान पर हमले कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं, न्यायपालिका और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे समय में संवैधानिक मूल्यों को बचाना केवल कानूनी या राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मा बचाने की लड़ाई है।खरगे ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक कांग्रेस ने हमेशा न्याय, समानता और लोकतंत्र की बात की है और यह संघर्ष आज भी जारी है। उन्होंने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे संविधान की भावना और देश की एकता को बनाए रखने के लिए आगे आएं।
सम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सोनिया गांधी का संदेश पढ़ा। इसमें उन्होंने कहा कि भारत का संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र का नैतिक आधार है। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की दूरदृष्टि और बलिदानों से उपजा है। कांग्रेस ने स्वतंत्रता से पहले ही भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए संविधान की कल्पना की थी। 1928 की नेहरू रिपोर्ट से लेकर संविधान सभा की मांग तक, कांग्रेस ने संविधान निर्माण की नींव रखी थी। डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान को जिस दृष्टिकोण से तैयार किया, वह समान नागरिकता और सामाजिक न्याय पर आधारित था।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि संविधान और सामाजिक न्याय के बीच संबंध जटिल है, लेकिन इनका समाधान जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 103वां संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया, लेकिन इसमें एससी-एसटी और ओबीसी को शामिल नहीं किया गया, जबकि देश के 81 प्रतिशत गरीब इन्हीं वर्गों से आते हैं। उन्होंने कहा चुनाव आयोग भी अब अनुच्छेद 320 के उद्देश्यों को कमजोर करने में लगा है। अगर बिहार की तरह विशेष गहन संशोधन की प्रक्रिया पूरे देश में लागू कर दी गई, तो करोड़ों लोग मतदान से वंचित हो सकते हैं और भारत एक मौन, आज्ञाकारी लोकतंत्र बन जाएगा।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस ने ही भारत को लोकतंत्र की आत्मा दी और आज उसी आत्मा की रक्षा का दायित्व फिर से कांग्रेस के कंधों पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने संस्थाओं को कमजोर किया है, न्यायपालिका की स्वतंत्रता को चुनौती दी है, असहमति को अपराध बना दिया है।
कांग्रेस सांसद अजय माकन ने कांग्रेस की विचारधारा के पांच स्तंभ बताए। उन्होंने कहा कि संविधानवाद, सामाजिक न्याय, समावेशी विकास, सर्वधर्म समभाव और संघीय ढांचे का संरक्षण ये पार्टी की विचारधारा के पांच स्तंभ हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सामाजिक न्याय को वास्तविकता में बदलना सरकारों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि समाज के सबसे हाशिए पर मौजूद लोगों को संसाधनों में समान हिस्सेदारी मिलनी चाहिए, ताकि संविधान में निहित समानता और भाईचारे के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने इस देश को स्वतंत्रता दिलाई, पाकिस्तान को विभाजित किया और तीन-तीन नेताओं ने देश के लिए प्राण न्योछावर किए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पिछले 25 वर्षों से वंचित तबकों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्म को अनादिकाल से मानव समाज के अस्तित्व के केंद्र में बताते हुए कहा कि धर्म हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। धर्म अनादिकाल से मानव समाज के अस्तित्व के केंद्र में रहा है। जो लोग हमेशा हमारी प्राचीन सभ्यता पर गर्व करते हैं, वह हमारी धर्म निरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक औचित्य को क्यों नहीं समझ रहे?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूर्वोत्तर की उपेक्षा पर चिंता जताई और कहा कि कांग्रेस ने ही इस क्षेत्र की आकांक्षाओं को समझा है। मणिपुर जलता रहा, सैकड़ों जानें गईं, हजारों लोग बेघर हुए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने वहां जाने की जरूरत नहीं समझी।