नई दिल्ली, 23 अक्टूबर । कांग्रेस पार्टी ने भरोसा व्यक्त किया है कि भारत-चीन के बीच 2020 में पैदा हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) संबंधित विवाद का केन्द्र सरकार सम्मानजनक हल निकालेगी। साथ ही विवाद समाधान को लेकर अस्पष्टता की बात कहते हुए सवाल खड़े किए।

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने बुधवार को वक्तव्य जारी कर कहा कि एलएसी पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर चीन के साथ समझौते की घोषणा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं। अब जब चीन के साथ समझौता हुआ है तब सरकार को देश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए और महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देना चाहिए।

उन्होंने पूछा कि `क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी दावे वाली लाइन से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक पेट्रोलिंग करने में सक्षम होंगे, जैसा कि वे पहले करने में सक्षम थे? क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक जा पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से हमारे दायरे से बाहर हैं? क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही सीमित रहेंगे जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे? क्या हमारी पेट्रोलिंग टीम को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाने की छूट है, जहां वे पहले जा सकते थे? क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर चुशुल में हेलमेट टॉप, मुक्पा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक जाने का अधिकार दिया जाएगा? क्या वे “बफर जोन” जो हमारी सरकार ने चीनियों को सौंप दिए थे, जिसमें रेजांग ला में युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गए हैं?’

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तनातनी को समाप्त करने के लिए दोनों देशों सहमति बन गई है। दोनों पक्षों के बीच सीमा क्षेत्र में गश्त करने को लेकर समझौता हो गया है, इससे सैनिक मोर्चे पर आमने-सामने की तैनाती खत्म होगी। राजनयिक और सैन्य स्तर पर पिछले कई महीनों से जारी विचार-विमर्श के आधार पर यह सहमति बनी है। इससे अब भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय वार्ता का भी रास्ता खुल गया है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिक्स यात्रा से पूर्व आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी थी।