नई दिल्ली, 28 जुलाई। कोचिंग हादसे में जान गंवाने वाली उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की श्रेया के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। श्रेया यादव ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीएससी की पढ़ाई पूरी कर इसी साल आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली आई थीं। राउज आईएएस स्टडी सर्किल में एडमिशन लेने के बाद वह पीजी में रह रही थीं। श्रेया के माता-पिता गांव में ही रहते हैं।

श्रेया यादव के चाचा धर्मेंद्र यादव ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि कोचिंग सेंटर संचालक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्हाेंने बताया कि श्रेया यादव के शव को पोस्टमार्टम के बाद पैतृक गांव अंबेडकर नगर भेजा जाएगा। हादसे के बाद राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल भी श्रेया यादव के चाचा धर्मेंद्र यादव से मिलीं और उसके बाद एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्हाेंने कहा है कि हादसे में दो बेटियों की मौत के बाद उनके परिवार से मुलाकात की दोनों के परिवार केवल दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

धर्मेंद्र यादव ने बताया, “उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के छोटे से गांव हरसावां हसनपुर से श्रेया यादव अपने माता पिता के सपने को साकार करने के लिए दिल्ली में आईएएस की तैयारी कर रहीं थी। दो भाइयों में अकेली श्रेया कड़ी मेहनत और लगन से आईएस की तैयारी में जुटी हुईं थीं, लेकिन शनिवार रात राउज आईएएस स्टडी सर्किल बिल्डिंग के बेसमेंट की लाइब्रेरी में पानी भरने से श्रेया की मौत हो गई। इसके साथ उसके माता पिता का सपना भी डूब गया।” राम मनोहर लोहिया अस्पताल की मोर्चरी में श्रेया के शव का पोस्टमार्टम चल रहा है।

धर्मेंद्र यादव ने बताया कि वह गाजियाबाद में रहते हैं। उनकी भतीजी श्रेया दिल्ली के पांडव नगर में पीजी में रहकर आईएएस की तैयारी कर रही थीं। शनिवार रात राउज आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पानी भरने से कई विद्यार्थियों की मौत की सूचना के बाद वह मौके पर पहुंचे। उन्हें पता चला कि उनकी भतीजी की भी पानी मे डूबने से मौत हो गई है। उन्होंने गांव में परिवार को इसकी सूचना दी। उन्होंने बताया कि गांव में परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। पोस्टमार्टम के बाद वह अपनी भतीजी श्रेया का शव गांव लेकर जाएंगे। उन्होंने गांव से अभिभावकों को आने से रोक दिया है। धर्मेंद्र यादव का कहना है कि कोचिंग सेंटर के संचालक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए, जिससे कि इस तरीके की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।

बीएससी पूरा करने के बाद इसी साल लिया था एडमिशन-

धर्मेंद्र यादव ने बताया कि उनकी भतीजी श्रेया यादव ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीएससी की पढ़ाई पूरी की थी। इसी साल श्रेया आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली आई थीं। राउज आईएएस स्टडी सर्किल में एडमिशन लेने के बाद वह पीजी में रह रही थीं। श्रेया के माता-पिता गांव में ही रहते हैं। श्रेया का एक बड़ा भाई है जो जैनिज्म की पढ़ाई कर रहा है और छोटा भाई आठवीं कक्षा में है। माता-पिता गांव में खेती करते हैं। माता पिता ने बड़ी उम्मीद से बेटी को दिल्ली भेजा था कि बेटी को पढ़ा लिखा कर आईएएस बनाएंगे। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि श्रेया के साथ इस तरीके की घटना हो जाएगी और बेटी को आईएएस बनाने के सपने के साथ उनकी बेटी भी उनसे दूर चली जाएगी।