कोलकाता, 30 जून। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में पहली वर्ष की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने सभी पाठ्यक्रमों की कक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी हैं। कॉलेज परिसर फिलहाल छात्रों के लिए पूरी तरह बंद रहेगा।

कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, “बीए एलएलबी और एलएलएम (जनरल और ऑनर्स) की सभी कक्षाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाती हैं और कॉलेज परिसर आगामी आदेश तक छात्रों के लिए बंद रहेगा।”

यह निर्णय तब लिया गया है जब पूरे देश में इस जघन्य अपराध को लेकर आक्रोश की लहर दौड़ गई है।

यह घटना 25 जून को घटी, जब 24 वर्षीय छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में स्थित गार्ड रूम में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपित कॉलेज का एक पूर्व छात्र मनोजित मिश्रा है, जो उस समय दो अन्य वरिष्ठ छात्रों के साथ मिलकर इस अपराध में शामिल था। घटना के दौरान दोनों आरोपित गार्ड रूम के बाहर पहरा दे रहे थे।

इस मामले में कोलकाता पुलिस ने मनोजीत मिश्रा, दो अन्य छात्रों और कॉलेज के सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, यह घटना संभवतः छात्रा द्वारा आरोपित के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के कारण हुई।

इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गार्ड रूम, यूनियन रूम, एक वॉशरूम और कॉलेज के एक गेट को सील कर दिया है। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यही वे स्थान हैं जहां तीनों आरोपितों ने छात्रा को प्रताड़ित किया।

मेडिकल जांच में पीड़िता के शरीर पर जबरन शारीरिक संबंध बनाए जाने, दांतों से काटने और नाखूनों के निशान पाए गए हैं। इसके अलावा, कॉलेज परिसर की सात घंटे की सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि दो आरोपित पीड़िता को गेट से अंदर खींचकर ले जा रहे हैं। जांच अधिकारी ने बताया कि फुटेज में तीनों आरोपित, सुरक्षा गार्ड और पीड़िता की गतिविधियां स्पष्ट रूप से दर्ज हैं।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसने बार-बार मनोजीत मिश्रा से उसे छोड़ देने की गुहार लगाई, लेकिन उसने उसकी एक नहीं सुनी और उसके साथ बलात्कार किया।

मुख्य आरोपित मनोजीत मिश्रा के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। जानकारी के अनुसार, वह कॉलेज की राजनीति में भी सक्रिय था और उसके परिवार ने भी उससे नाता तोड़ लिया था।

यह मामला बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर रहा है, जबकि पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आम नागरिकों और छात्र संगठनों में गुस्सा लगातार बढ़ रहा है।