कोलकाता, 21 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार सुबह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के दो अधिकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे। सुबह लगभग नौ बजे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक के प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अन्य अधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण किया। यह अधिकारी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के उद्देश्य से वहां पहुंचे थे।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अस्पताल की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। न्यायालय ने सवाल उठाया कि अस्पताल में तोड़फोड़ कैसे हुई और इस पर पुलिस की भूमिका को लेकर नाराज़गी भी जाहिर की।

मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि तोड़फोड़ की घटना के बाद कई रेजिडेंट चिकित्सकों ने अपना कार्यस्थल छोड़ दिया है। वर्तमान में अस्पताल के छात्रावास में केवल 30-40 महिला चिकित्सक और 60-70 पुरुष चिकित्सक ही रह गए हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि इंटर्न, रेजिडेंट चिकित्सक और वरिष्ठ चिकित्सकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल में सुरक्षित वातावरण तैयार करना आवश्यक है।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि आरजी कर अस्पताल में पर्याप्त संख्या में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने रेजिडेंट चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए छात्रावास में भी केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने का आश्वासन दिया। राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने भी इस निर्णय पर सहमति व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुधवार को आरजी कर अस्पताल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।