
कोलंबो, 21 मार्च। श्रीलंका की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की पत्नी शिरांति राजपक्षे के खिलाफ दो भूमि सौदों की जांच करने का आदेश आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को दिया है। इम्बुलगोड़ा और केलानिया में एक मंदिर में कथित जबरन प्रवेश की अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हुए उप मंत्री ने कहा कि संबंधित भूमि किसी मंदिर की नहीं है।
डेली मिरर अखबार के अनुसार आज संसद में उप मंत्री महिंदा जयसिंघे ने कहा कि यह भूमि महिंदा राजपक्षे आध्यात्मिक फाउंडेशन के स्वामित्व में है। इस भूमि को 5,00000 रुपये में खरीदा गया है और इसे 10 मिलियन रुपये में बेचा गया। भूमि के मालिक कार्लटन हाउस तांगले के शिरंथी विक्रमसिंघे राजपक्षे हैं। इहाला इम्बुलगोड़ा में एक और भूमि को एक मिलियन रुपये में खरीदने के बाद 12 मिलियन रुपये में बेचा गया है। उन्होंने कहा कि सीआईडी से इन भूमि सौदों की जांच करने का अनुरोध किया गया है। जयसिंघ ने संसद को बताया कि मीडिया ने केलानिया में उनके दौरे के दौरान हुई घटना के बारे में गलत रिपोर्ट दी।
दरअसल, फरवरी, 2016 में भी पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की पत्नी शिरांति राजपक्षे से राष्ट्रपति आयोग के अधिकारी धोखाधड़ी के आरोपों पर पूछताछ कर चुके हैं। कोलंबो पेज की रिपोर्ट के अनुसार शिरंथी पर आरोप था कि उन्होंने आवास मंत्रालय को राष्ट्रीय आवास विकास प्राधिकरण से संबंधित एक घर को अपने पूर्व मीडिया समन्वय अधिकारी को अनुमानित मूल्य से कम कीमत पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। शिरंथी से पूछताछ राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे को चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद हुई थी।