रायपुर, 07 जून । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बोधघाट सिंचाई और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजनाओं पर चर्चा की। इसके साथ ही बस्तर संभाग के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से इन परियोजनाओं की स्वीकृति को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री साय ने शनिवार को अपने आफिसियल एक्स हैंडल पर यह जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि उन्होंने नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ इन दो प्रमुख बोधघाट और इंद्रावती-महानदी जोड़ो परियोजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इन दो प्रमुख परियोजनाओं के बुनियादी ढांचा लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि इन परियोजा-नाओं से न केवल राज्य में सिंचाई को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बिजली उत्पादन और मछली उत्पादन में भी योगदान मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि बस्तर लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है, इसलिए सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए यहाँ बहुत काम नहीं हो पाया है। बस्तर में कुल बोये गए क्षेत्र 8.15 लाख हेक्टेयर में से केवल 1.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई सुविधाएँ विकसित हो पायी हैं।

उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में बस्तर में तेजी से नक्सल उन्मूलन हो रहा है और बस्तर शांति और विकास की ओर द्रुत गति से बढ़ रहा है। ऐसे में बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना पूरे बस्तर में कृषि विकास और रोजगार को बढ़ाने में मदद करेगी। दोनों परियोजना बस्तर को सक्षम, विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

उन्होंने बताया कि दोनों परियोजनाओं की कुल लागत 49000 करोड़ है। प्रस्तावित बोधघाट सिंचाई परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के 269 गांव लाभान्वित होंगे, इससे खरीफ और रबी सीजन में 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, परियोजना से 125 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी। इससे 49 मि.घ.मी. पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित होगी और 4824 मीट्रिक टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा

उन्होंने बताया कि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना द्वारा इंद्रावती नदी का लगभग 100 टी.एम.सी.(2830 मि.घ.मी.) जल महानदी कछार में स्थानांतरित करने की योजना है, जिससे कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इन दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना और इंद्रावती- महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में क्रियान्वित किया जाना प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इसे गंभीरता से सुना और इस पर विचार करने की बात कही। निश्चित ही बस्तर के सर्वांगीण विकास का छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य सफल होगा। बस्तर में विकास, प्रगति और नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।