रांची, 06 अक्टूबर।  भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम सांसद समीर उरांव ने कहा कि गरीबों आदिवासियों को लूटने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने बचाव में अब भावनात्मक मुद्दा उठाकर आदिवासी कार्ड खेल रहे जिसे राज्य का आदिवासी समझ भली भांति समझ चुका है।

उरांव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आदिवासी का मतलब होता है स्वाभिमानी, परोपकारी, अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ने वाला। यह समाज भगवान बिरसा मुंडा,अमर शहीद सिदो कान्हु चांद भैरव तिलका मांझी,वीर बुधु भगत ,नीलांबर पीतांबर का वंशज है।

लेकिन मुख्यमंत्री अपने सोरेन परिवार की विशेषताओं को आदिवासी समाज से जोड़ कर बता रहे हैं । जिसे बंद करना चाहिए। इससे आदिवासी महापुरुषों,शहीदों का अपमान होता है। उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री आज झारखंड की अस्मिता को बेच जमीनें खरीद रहे हैं। अपने दलालों,बिचौलियों के माध्यम से पत्थर, बालू,कोयला लोहा सब बेचकर अपनी तिजोरी भर रहे हैं ।

श्री उरांव ने कहा कि आखिर झारखंड के गरीब आदिवासियों केलिए हेमंत सोरेन जी ने क्या किया? उन्‍होंने कहा कि इनकी सरकार बनते ही चाईबासा में 7आदिवासियों की नृशंस हत्या हुई।अमर शहीद सिदो कान्हु के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई।आदिवासी समाज की होनहार बेटी दरोगा रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत , गौ तस्करों के द्वारा तुपुदाना में दरोगा संध्या टोपनो की ट्रक से कुचलकर हत्या किस सरकार की उपलब्धि हैं। आदिवासी बेटी रुबिका पहाड़िया को टुकड़ों टुकड़ों में काटा गया,राज्य में हजारों आदिवासी बहन बेटियों की इज्जत को तार तार किया गया।होनहार आदिवासी युवक विकास मुंडा की हत्या किस सरकार की देन है।