गिरिडीह, 17 अगस्त। असम सरकार के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शनिवार काे गिरिडीह जिलांतर्गत बेंगाबाद स्थित झारखंड पुलिस के स्व हवलदार चोहन हेंब्रम के घर परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। दोनों नेताओं को बेंगा बाद पहुंचने के पूर्व प्रशासन ने स्व. हेंब्रम की पत्नी और बच्चों को घर से अन्यत्र पहुंचा दिया। मिलने आए सास-ससुर को भी पुलिस ले गई।
स्व. हेंब्रम के घर पर उनकी वृद्धा माता सहित ग्रामीणों से हिमंत बिस्वा सरमा एवं बाबूलाल मरांडी ने मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी ली। घटना पर दुख व्यक्त करते हुए भाजपा की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मीडिया से बात करते हुए हिमंत ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्हाेंने कहा कि यह सरकार आदिवासी विरोधी, संवेदनाहीन और निरंकुश सरकार है, जिसे केवल वोट बैंक की चिंता है।
हिमंत ने कहा कि हेमंत सरकार अपराधियों का भी तुष्टिकरण करती है। समुदाय और धर्म विशेष के अपराधी को यह सरकार संरक्षण प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि गैंगरेप के आरोप में सजायाफ्ता अपराधी कैदी शाहिद अंसारी हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में इलाजरत था, जिसने उसकी सुरक्षा में प्रतिनियुक्ति हवलदार चौहान हेंब्रम की हत्या कर दी और फरार हो गया। यह राज्य की ध्वस्त विधि व्यवस्था को उजागर करता है।
हिमंत ने कहा कि अपराधी एक समुदाय विशेष का है। इसलिए वह आज तक गिरफ्तार नहीं हुआ, जिससे स्पष्ट है कि राज्य की पुलिस उसका संरक्षण कर रही और यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इसे गंभीरता से लिया है। पार्टी ऐसी राजनीतिक सोच को प्रदेश से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित है। साथ ही कहा कि राज्य सरकार मोहम्मद शाहिद अंसारी की अविलंब गिरफ्तारी सुनिश्चित कराए।
फास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा दिलाए राज्य सरकार : बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चौहान हेंब्रम की हत्या करने वाला सजायाफ्ता शाहिद अंसारी की गिरफ्तारी हो तथा फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कर फांसी की सजा दिलाई जाए। उन्हाेंने कहा कि हेमंत सरकार अपराध और अपराधी दोनों की संरक्षक बन गई है। हेमंत सरकार में सर्वाधिक पीड़ित समाज आदिवासी ही है। इस राज्य में आम खास कोई सुरक्षित नहीं। अपराधी सड़क पर, घर में, जेल में, अस्पताल में कहीं भी अपराध को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं। इसके पीछे एकमात्र कारण है अपराधियों को सरकार का संरक्षण।