एक की मौत, 2.16 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

कोलकाता, 25 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल में चक्रवात ‘दाना’ का असर भले ही अपेक्षाकृत कम रहा हो, लेकिन राज्य प्रशासन ने आपदा के बाद की स्थिति को संभालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नवान्न में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि सरकार किसी भी ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगी मुख्यमंत्री ने पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जैसे तटीय जिलों में विशेष नजर बनाए रखने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि चक्रवात के कारण नष्ट हुई फसलों का सर्वेक्षण किया जाए, ताकि प्रभावित किसानों की सहायता की जा सके। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि राहत शिविरों में ठहरे लोग जब तक पूरी तरह सुरक्षित न हों, तब तक उन्हें वापस न भेजा जाए। पानी जमने से मच्छर जनित बीमारियों के खतरे को देखते हुए मच्छरदानी बांटने की भी सलाह दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हुई है, जो घर पर बिजली के तार ठीक कर रहे थे।” उन्होंने प्रशासन को पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि जहां-जहां गाद के कारण पानी जमा हुआ है, वहां से उसे साफ करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, चक्रवात से क्षतिग्रस्त घरों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर ध्यान देगी और प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें दो दिन और तैनात रहेंगी।

सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार रात से ही हालात की लगातार निगरानी की। उन्होंने शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर तक कई बार अपने कार्यालय से नियंत्रण कक्ष में जाकर स्थिति का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए।

एक की मौत, 2.16 लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए

चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ने जो तबाही मचाई उससे एक व्यक्ति की जान चली गई। प्रशासन ने अब तक 2.16 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संकट पर नियंत्रण के लिए रातभर राज्य सचिवालय में रहकर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री प्रभावितों तक पहुंचाई जाए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि एक व्यक्ति घर पर तारों से जुड़ा काम कर रहा था। इस बीच हादसा हुआ और उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी और यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार मृतक के परिवार की सहायता करेगी ।

निचले क्षेत्रों में पानी भरने से हालात गंभीर

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सागर द्वीप, डायमंड हार्बर (दक्षिण 24 परगना), संदेशखाली (उत्तर 24 परगना) और बशीरहाट जैसे क्षेत्रों में पानी भर गया है। इसके साथ बनगांव और बशीरहाट सब-डिवीजनों में भी जलभराव की समस्या बनी हुई है। उन्होंने अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा कि सांप काटने की दवाएं सहित आवश्यक दवाएं प्रभावित लोगों तक समय पर पहुंचाई जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में हरियाली प्रभावित हुई है वहां फिर से पौधरोपण किया जाए। साथ ही कहा कि राहत शिविर तब तक जारी रहने चाहिए जब तक पानी पूरी तरह से नहीं उतर जाता। स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि डेंगू, मलेरिया और दस्त जैसी बीमारियों पर विशेष नजर रखी जाए।

घाटाल मास्टर प्लान की दिशा में तेजी

मुख्यमंत्री ने घाटाल मास्टर प्लान को दो वर्षों में पूरा करने का निर्देश दिया। इस परियोजना के तहत राज्य की 10 प्रमुख नदियों के किनारों को मजबूत किया जाएगा और नदी के तल की गहराई बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों की मदद से इस कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा ममता बनर्जी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग को पीने के पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम जल्द पूरा करने को कहा।

डीवीसी पर पानी छोड़ने का आरोप

ममता बनर्जी ने दावा किया कि झारखंड में बारिश होते ही दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) राज्य में पानी छोड़ता है, जिससे बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि यह एक नियमित समस्या बन चुकी है। उन्होंने सुंदरबन क्षेत्र में मिट्टी कटाव रोकने के लिए इस वर्ष 15 करोड़ मैंग्रोव पौधरोपण का भी निर्देश दिया।