सी-प्लेन सेवा आम आदमी के लिए भी उपयोगी बनाने का होगा प्रयासः राममोहन नायडू

अमरावती, 09 नवंबर । आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू और केंद्र एवं राज्य सरकार के कई अधिकारियों ने शनिवार को विजयवाड़ा से श्रीशैलम तक सी-प्लेन से उड़ान भरी।

इसके पहले विजयवाड़ा में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि देश में पहली बार आंध्र प्रदेश से सी-प्लेन लॉन्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने सी-प्लेन सेवाओं के लिए आवश्यक तैयारी पूरी कर ली है। विजयवाड़ा और श्रीशैलम के बीच सी-प्लेन का ट्रायल रन बिना यात्री के पहले ही सफल हो चुका है। आज इसका ट्रायल रन यात्रियों के साथ हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ दिशा-निर्देशों में बदलाव कर इस सेवा को आम आदमी के लिए भी उपयोगी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के लिए कम से कम 500 एकड़ भूमि होना चाहिए लेकिन सी-प्लेन के लिए वाटर एरोड्रम के सहयोग से उड़ान भरने में ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं होती है। अगर राज्यों के पर्यटन विभाग सहयोग करते हैं तो इस क्षेत्र का विकास और तेजी के साथ होगा। उन्होंने कहा कि विजयवाड़ा-श्रीशैलम के साथ-साथ विजयवाड़ा-नागार्जुन सागर और विजयवाड़ा-हैदराबाद मार्गों के लिए भी तैयारी हो चुकी है। तटीय क्षेत्र में राजधानी अमरावती को जोड़ने के लिए और अधिक पर्यटन केंद्र विकसित किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि सभी के लिए सी-प्लेन सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। ये सेवाएं अगले 3-4 महीनों में आंध्र प्रदेश में उपलब्ध होंगी। आम लोगों के लिए समुद्री विमान यात्रा सस्ती होगी। आंध्र प्रदेश में चार मार्गों पर सी-प्लेन चलाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी की समुद्री विमान संचालन न केवल राज्य बल्कि देश की किस्मत भी बदलने की ताकत रखता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के सुझाव पर हमने नीति में कुछ बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के अन्य द्वीपीय प्रदेश में सी-प्लेन संचालन की सेवा एक क्रांति होगी।

विजयवाड़ा से श्रीशैलम तक सी-प्लेन से लगभग 150 किमी. की दूरी है। सी-प्लेन धरती की सतह से 1500 फुट ऊंचाई पर उड़ता है जबकि हवाई जहाज आमतौर पर जमीन से 15-20 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ते हैं।

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