बीजापुर, 14 मई। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सशस्त्र बलों और पुलिस की ओर से जारी नक्सली उन्मूलन अभियान का असर अब साफ नजर आ रहा है। इसी क्रम में बीजापुर जिले में मंगलवार को 30 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक और अन्य सुरक्षाबलों के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इन नक्सलियों में से 9 इनामी हैं, जिन पर कुल मिलाकर 39 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ एवं कोबरा 202, 210 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल 168, 85, 222वीं वाहिनी द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासों का आज सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। आज केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक एस.के. मिश्रा, बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव, केरिपु की 222वीं बटालियन कमांडेंट विनोद मोहरिल तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष नक्सली संगठन के मिलिट्री कंपनी नम्बर 02 के पीपीसीएम, प्लाटून नम्बर 32 के पीपीएसएम, पीएलजीए बटालियन नम्बर 01 के सदस्य, प्लाटून नम्बर 04 के सदस्य, जनतानार सरकार अध्यक्ष, डीएकेएएमएस अध्यक्ष सहित 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनके उत्साहवर्धन के लिए शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2024 में अब तक 180 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं जबकि 76 नक्सलियों ने अब तक आत्मसमर्पण किया है।
पुलिस के अनुसार आत्मसमर्पित नक्सलियों में मिटकी ककेम ऊर्फ सरिता (35 वर्ष), 8 लाख का इनामी नक्सली, मुरी मुहंदा ऊर्फ सुखमति (32 वर्ष), 8 लाख का इनामी माओवादी, रजिता वेट्टी ऊर्फ रामे (24 वर्ष), 5 लाख का इनामी नक्सली, देवे कोवासी (24 वर्ष), 5 लाख का इनामी माओवादी शामिल हैं। इसी तरह सीनू पदम ऊर्फ चिन्ना (27 वर्ष), 5 लाख का इनामी नक्सली,आयता सोढ़ी (22 वर्ष), 5 लाख की इनामी नक्सली,आयतु कारम (50 वर्ष), 1 लाख का इनामी माओवादी, मुन्ना हेमला ऊर्फ चन्दू (35 वर्ष), 1 लाख का इनामी नक्सली आयतु मिड़ियम ऊर्फ वर्गेश (38 वर्ष), 1 लाख का इनामी नक्सली तथा नक्सली सन्नू कारम ऊर्फ डोरा पिता आयतू कारम (24) ने आज आत्मसमर्पण किया है।
शेष आत्मसमर्पित नक्सलियों में नक्सली बामन कारम (22 वर्ष), नक्सली सुखराम कारम (36 वर्ष), नक्सली मनकू ताती (35 वर्ष), नक्सली मुन्ना पोटाम ऊर्फ मुकेश (40 वर्ष), नक्सली सन्तू हेमला (23 वर्ष), नक्सली राहुल हेमला ऊर्फ छोटू (25 वर्ष), नक्सली सुखराम ऊर्फ सुरेश कारम (30 वर्ष), नक्सली मोटू हेमला (27 वर्ष), नक्सली मोटू कवासी (27 वर्ष), नक्सली रमेश हेमला (22 वर्ष), नक्सली लक्खू कोरसा (25 वर्ष), नक्सली नंदू कुरसम (21 वर्ष), नक्सली सोमलू कड़ती ऊर्फ दिवाकर (40 वर्ष), नक्सली सोमलू ताती (45 वर्ष), नक्सली संतोष पदम (19 वर्ष), नक्सली गुडडी हपका (26 वर्ष), नक्सली ज्योति लेकाम (29 वर्ष), नक्सली सोनू कुड़ियम (21 वर्ष), नक्सली राजेश कोरसा (28 वर्ष) तथा नक्सली लखमू पल्लो ऊर्फ लखू (30 वर्ष) शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार आत्मसमर्पित नक्सली संगठन में कार्यों की उपेक्षा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, प्रताड़ना, माओवादियों की खोखली विचारधारा और आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त थे। इसलिए प्रदेश सरकार की आत्मसमर्पण नीतियों से वे प्रभावित हुए और देश के संविधान पर विश्वास रखते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।