कोलकाता, 5 नवंबर । पश्चिम बंगाल में छठ महापर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई। हजारों श्रद्धालु कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के गंगा घाटों पर स्नान करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया , लौकी भात खाकर 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत की । इस दौरान, कोलकाता नगर निगम ने घाटों पर साफ-सफाई, लाइट, और माइकिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की है।
पुलिस द्वारा घाटों और सड़कों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई, जिसमें रिवर पेट्रोलिंग टीम गंगा में गश्त करती रही ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। राजधानी के साथ-साथ पूरे बंगाल में हिंदी भाषी क्षेत्रों में रोशनी और सजावट की गई है, और स्थानीय क्लबों तथा लोगों ने मिलकर छठ व्रतियों के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
छठ महापर्व मुख्य रूप से सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा को समर्पित है, जिसमें व्रती महिलाएं 36 घंटे से अधिक समय तक निर्जला व्रत रखती हैं। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल के तराई क्षेत्र और विदेशों में भी यह पर्व अत्यधिक श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। आज लौकी-भात से शुरुआत के बाद कल खरना है। गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा।