जयपुर, 29 जनवरी। सरसों के पौधे से निकलने वाले पीले मच्छर यानि चेपा का प्रकोप इन दिनों राजधानी में देखा जा रहा है। मोआ (चेपा ) मच्छरों के कारण सड़कों पर वाहन चालकों की परेशानियों बढ़ गई हैं। चेपा के कारण पिछले कुछ दिनों में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा हादसे हो चुके है। साथ ही अस्पतालों में भी आंख के रोगियों के मरीज की संख्या अचानक बढ़ गई है। चिकित्सक चेपा से बचने की सलाह दे रहे है, तो यातयात पुलिस ने भी चेपा को खतरनाक मानते हुए अब गाइडलाइन जारी कर दी है।

पुलिस उपायुक्त यातायात लक्ष्मण दास ने बताया कि प्रदेशभर में सरसों की फसल लहरा रही है। ऋतु परिवर्तन होने के साथ ही सरसों का दाना अब पकाव की ओर है ऐसे में इनसे जनित मच्छर चेपा का प्रकोप भी शहरी इलाकों में बढ़ गया है। बाइक या दूसरे वाहन चलाते वक्त आंख में अचानक चेपा आने से हादसों की संभावना बढ़ जाती है। चेपा आंख में गिरने के दौरान लाल सुर्ख हो जाती है तो आंखों में जलन भी होती है। ऐसे में जरा सी असावधानी से सड़क दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। दूसरी तरफ चेपा कान में भी घुस जाता है। उन्होंने सलाह की कि दुपहिया वाहन पर बाहर निकलते समय फुल मास्क हेलमेट शीशा सहित पहनें। अब चिकित्सक भी सलाह दे रहे है कि बिना चश्मा पहने बाइक नहीं चलाए। पीले कपड़ों पर तो चेपा का आतंक तक देखा जा सकता है। पीले कपड़े पहनकर बाहर निकले राहगीर या वाहन चालक को चेपा के प्रकोप से वापस उल्टे पांव घर पहुंचकर कपड़े बदलने पड़ रहे हैं। चेपा मच्छरों का प्रकोप बाहरी इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां मच्छरों ने वाहन चालकों की स्पीड धीरे कर दी है।

अभी जारी रहेगा प्रकोपः चेपा मच्छर सरसों की फसल पर फूल आने से पनपता है और आसपास के क्षेत्रों में मंडराता है। अभी फसल पकने में समय है। जैसे की सरसो के फूल झड़ जाएंगे तब इसका प्रकोप भी कम हो जाएगा।

ये रखें सावधानीः घर से निकले तो पीले कपड़े न पहने और दुपहिया वाहन चला रहे तो गति नियंत्रण में रखें। मुंह पर स्कार्फ बांधकर रखे तथा आंखों पर चश्मा लगाएं। जेब में आई ड्रॉप अवश्य रखें।