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कोलकाता, 07 नवम्बर। प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य तथा परिषद की पूर्व सचिव रत्ना चक्रवर्ती बागची के खिलाफ दायर चार्जशीट को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, मुकदमे की प्रक्रिया फिलहाल थमी हुई है क्योंकि इनके खिलाफ अभियोजन शुरू करने के लिए राजभवन की अनुमोदन आवश्यक है, जो अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।

नियुक्ति घोटाले में नाम सामने आने के बाद अदालत के आदेश पर माणिक भट्टाचार्य को परिषद प्रमुख के पद से हटाया गया था। बाद में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था और वह लंबे समय तक जेल में रहे। इसके बाद उन्हें जमानत मिली। नियमों के अनुसार, किसी महत्वपूर्ण सरकारी पद पर पदस्थ रहे व्यक्ति के खिलाफ चार्ज गठन कर मुकदमा शुरू करने से पहले राज्यपाल की मंजूरी जरूरी होती है।

सीबीआई की चार्जशीट में इन दोनों के साथ तृणमूल के नलहाटी-2 ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष विभास अधिकारी का नाम भी शामिल है। चूंकि वह किसी सरकारी पद पर नहीं थे, इसलिए उनके मामले में अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

उल्लेखनीय है कि, सीबीआई ने इस मामले में पिछले अक्टूबर में चार्जशीट दर्ज की थी। कानून के मुताबिक चार्जशीट दाखिल होने के बाद अनुमोदन प्राप्त करने के लिए तीन माह का समय होता है। ऐसे में समयसीमा अब भी शेष है। फिलहाल सीबीआई राजभवन की अनुमति का इंतजार कर रही है।