
हरिद्वार, 6 मार्च । उत्तराखंड के चार धाम यात्रा 2025 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस साल चार धाम यात्रा के लिए प्रशासन ने यात्रियों के लिए एक घोषणा फॉर्म भरना अनिवार्य किया है। इस नियम का होटल और ट्रैवल कारोबारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को
डामकोठी स्थित तुलसी चौक पर टैक्सी-मैक्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ट्रैवल कारोबारियों ने धरना प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई है।इन लाेगाें ने इस नियम काे वापस लेने की मांग की है और अन्यथा की स्थिति में आंदाेलन करने की चेतावनी दी है।
दरअसल, अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार ने यात्रियाें काे एक घाेषणा फार्म भरना अनिवार्य कर दिया है। इस
फार्म में यात्रियाें काे अपने ठहरने और खाने की व्यवस्था का विवरण देना होगा। सरकार के इस नियम का स्थानीय होटल और ट्रैवल कारोबारी विराेध कर रहे हैं। इस अनिवार्यता के विराेध में टैक्सी-मैक्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ट्रैवल कारोबारियों ने आज डामकोठी स्थित तुलसी चौक पर धरना प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। विराेध कर रहे ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ट्रैवल कारोबारियों का कहना है कि
तमाम यात्री बिना होटल बुक किए यात्रा पर आते हैं और स्टेशन से उतरने के बाद गाड़ी बुक करते हैं और सीधे यात्रा शुरू कर देते हैं। इनमें कई यात्री इतने गरीब होते हैं कि वे होटल में ठहरने की बजाय गाड़ी में ही रात गुजारते हैं। ऐसे में काेई घाेषणा फॉर्म भरने की अनिवार्यता उनके लिए अतिरिक्त बोझ बन जाएगी।
इस संबंध में होटल व ट्रेवल्स व्यवसाय से जुड़े व्यापारी कुलदीप शर्मा व सचिन भाटिया का कहना है कि यह नियम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा। पहले भी ऋषिकुल में रजिस्ट्रेशन के दौरान यात्रियों से पैसे लेकर पंजीकरण करने के आराेप लगे थे। उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि अगर वह पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है, तो ऐसे नियम बनाकर उसे बाधित न करे। अगर सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती है तो व्यापारी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।