
कोलकाता, 11 मार्च । जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की मांग पर शुरू हुआ आंदोलन अब राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का भी केंद्र बनता जा रहा है। यहां आंदोलन की आड़ में कश्मीर और फिलिस्तीन को लेकर आपत्तिजनक ग्रैफिटी का इस्तेमाल किया गया, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
विश्वविद्यालय परिसर के गेट नंबर तीन के पास एक दीवार पर यह नारे लिखे जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जहां तृणमूल कांग्रेस समर्थित शिक्षकों और छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया, वहीं वामपंथी छात्र संगठनों ने इसे लेकर सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया।
जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में गेट नंबर तीन के पास एक दीवार पर ‘आज़ाद कश्मीर’ और ‘फ्री फिलिस्तीन’ लिखे जाने के बाद कैंपस में विवाद शुरू हो गया। विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी मिलने के बाद इस बात की जांच शुरू हुई कि यह नारे किसने लिखे और इसके पीछे कौन लोग हैं। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
घटना पर विश्वविद्यालय के तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के अध्यक्ष किशलय रॉय ने कहा, “कुछ अति-वामपंथी छात्र संगठन इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं। अगर कोई कैंपस में घूमें तो और भी कई जगह इस तरह की ग्रैफिटी देखी जा सकती हैं।”
वहीं, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता अभिनबा बसु ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा, “हम अलगाववादी विचारधारा का समर्थन नहीं करते लेकिन हम भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे दमन के खिलाफ हैं। फिलिस्तीन मुद्दे पर हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है।”
तृणमूल कांग्रेस समर्थित शिक्षकों के मंच से जुड़े प्रोफेसर ओम प्रकाश मिश्रा ने इस ग्रैफिटी पर नाराजगी जताते हुए कहा, “हम किसी भी पोस्टर या ग्रैफिटी का समर्थन नहीं करते जो अलगाववाद को बढ़ावा दे।”