कोलकाता, 27 जनवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के अगले महीने पश्चिम बंगाल में होने वाले दौरे के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। उनके कोलकाता आगमन की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है और राज्य में उनके प्रवास के दिनों की संख्या भी घटा दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत पहले सात फरवरी को कोलकाता पहुंचने वाले थे, लेकिन अब वह र 11 फरवरी को कोलकातापहुंचेंगे। उनका दस दिनों का निर्धारित दौरा अब केवल चार दिनों का रहेगा। नए कार्यक्रम के अनुसार भागवत 11 फरवरी को कोलकाता पहुंचेंगे और उसी दिन पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान जाएंगे। बर्दवान में उनके दौरे का मुख्य फोकस मध्य बंगाल के जिलों में आदिवासी बहुल इलाकों में आरएसएस की गतिविधियों पर होगा।
सूत्रों के मुताबिक बर्दवान में कार्यक्रम समाप्त करने के बाद भागवत उसी रात कोलकाता लौट आएंगे। अगले तीन दिनों तक वे राज्य में आरएसएस के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ विभिन्न बैठकों में भाग लेंगे। इन बैठकों में पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में संघ की गतिविधियों पर चर्चा होगी। 13 फरवरी को भागवत और पश्चिम बंगाल के नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक निर्धारित है।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भाजपा और पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को “देश का असली स्वतंत्रता दिवस” कहने वाले भागवत के बयान की आलोचना की थी। मुख्यमंत्री ने इस बयान को राष्ट्रविरोधी बताते हुए इसकी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं पता उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया, लेकिन यह एक राष्ट्रविरोधी बयान है। मैं इसकी निंदा करती हूं और इस बयान को वापस लेने की मांग करती हूं।