नई दिल्ली, 22 जुलाई । केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 22 राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत 9578.40 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दी।

गृह राज्य मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि यह वित्तीय सहायता प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर राहत के तौर पर दी जाती है, न कि पीड़ितों द्वारा दावे के आधार पर हुए नुकसान की भरपाई के रूप में। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जाती है।

उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून इस वर्ष सामान्य तिथि 1 जून से आठ दिन पहले 24 मई को केरल में पहुंच गया। यह पिछले 17 वर्षों में मानसून का सबसे जल्दी आगमन है। मुंबई में मानसून 26 मई को पहुंचा, जबकि सामान्य तिथि 11 जून होती है- यह पिछले 75 वर्षों में सबसे पहले पहुंचने वाला मानसून है। देश भर में मानसून 29 जून को ही पहुंच गया, जो सामान्य तिथि 8 जुलाई से 9 दिन पहले है। जून के दूसरे पखवाड़े और जुलाई के पहले 15 दिनों में बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रही। खासकर गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ जैसी घटनाएं दर्ज की गई हैं।

मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की गंभीर घटनाओं को देखते हुए, केंद्र सरकार ने बिना राज्य ज्ञापन की प्रतीक्षा किए, एक अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का गठन किया है। यह टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर क्षति का आकलन करेगी।

नित्यानंद राय ने कहा कि एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के तहत दी जाने वाली राशि राहत कार्यों के लिए होती है, न कि व्यक्तिगत क्षति के मुआवज़े के रूप में। राज्य सरकारों को पहले से जारी एसडीआरएफ की राशि से अपने स्तर पर राहत कार्य संचालित करने होते हैं। जुलाई 15, 2025 तक जारी 9578.40 करोड़ रुपये की राशि से राज्यों को राहत कार्यों में मदद मिलेगी। संबंधित राज्यों को आवंटित और जारी राशि की विस्तृत जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग की वेबसाइट ndmindia.mha.gov.in पर उपलब्ध है।