
नई दिल्ली, 3 सितंबर। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपनी शताब्दी वर्ष (1 अक्टूबर 2025 से 1 अक्टूबर 2026) के अवसर पर ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (सीओई) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। यह यूपीएससी और विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों (पीएससी) की श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों का भंडार होगा। यह घोषणा यूपीएससी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ हुई वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।
डॉ. कुमार ने बताया कि यह ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), नवाचारों और महत्वपूर्ण सीखों का ज्ञान केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि यूपीएससी इस पहल की अगुवाई करेगा, लेकिन राज्य पीएससी की सक्रिय भागीदारी और सुझाव अहम होंगे। यह केंद्र न केवल यूपीएससी और राज्य पीएससी बल्कि अन्य राष्ट्रीय भर्ती संस्थाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगा।
बैठक में डॉ. कुमार ने ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल की सफलता का भी उल्लेख किया, जिसके माध्यम से इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन अंतिम सूची में जगह न बना सके अभ्यर्थियों को अर्ध-सरकारी, निजी और अन्य संगठनों में अवसर प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि यह पहल आयोग की व्यापक प्रतिभा उपयोग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
बैठक में राज्य पीएससी की ओर से कई अहम सुझाव सामने आए, जिनमें आकांक्षी जिलों में परीक्षाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता प्रमुख रही। सदस्यों ने कहा कि इन क्षेत्रों की प्रतिभा को मार्गदर्शन और संसाधनों की कमी बाधित करती है, ऐसे में जागरूकता अभियान और मेंटरिंग कार्यक्रम जरूरी हैं ताकि हर वर्ग और क्षेत्र के युवाओं को समान अवसर मिल सके।
यूपीएससी सदस्य डॉ. दिनेश दासा ने राज्य पीएससी को शताब्दी समारोहों के अंतर्गत अपने-अपने राज्यों में अपनाई गई श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों की प्रदर्शनी लगाने और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि पहली बार राज्य पीएससी के अध्यक्षों और सदस्यों को यूपीएससी शताब्दी समारोह में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया गया है।
इस बैठक में 27 राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों ने भाग लिया और शताब्दी वर्ष आयोजनों में पूरे उत्साह और सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में यूपीएससी के सचिव शशि रंजन कुमार, अतिरिक्त सचिव जयप्रकाश पांडेय, संयुक्त सचिव संतोष अजमेरा और हंसा मिश्रा भी उपस्थित रहे।