नई दिल्ली, 19 अप्रैल । केंद्र सरकार ने धार्मिक संस्थानों और पर्यटन सेवाओं के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में जनता को सचेत करने के लिए शनिवार को चेतावनी जारी की।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। आई4सी ने एक बयान में कहा कि यह धोखाधड़ी फर्जी वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर पेड विज्ञापनों के जरिए की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन फर्जी वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर केदारनाथ, चारधाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग, तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग, ऑनलाइन कैब या टैक्सी सेवा बुकिंग और हॉलिडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं जैसी सेवाएं देने का दावा करते हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से भुगतान करने पर लोगों को जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर हो जाते हैं, तो उन्हें ठगे जाने का एहसास होता है।

आई4सी ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने और सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी है। आई4सी के अनुसार, लोग कोई भी भुगतान करने से पहले हमेशा वेबसाइट की प्रामाणिकता की जांच करें। गूगल, फेसबुक या व्हाटसएप पर प्रायोजित या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से बुकिंग की क्रॉस-चेकिंग करें। ऐसी वेबसाइटों की शिकायत तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या किसी भी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए आधिकारिक बुकिंग केवल https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। वहीं सोमनाथ ट्रस्ट की सेवाओं और गेस्ट हाउस बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट https:somnath.org है।

इन घोटालों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र बहु-आयामी रणनीति अपना रहा है। आई4सी ने कहा कि घोटाले का पता लगाने के लिए गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक जैसे आईटी मध्यस्थों के साथ नियमित रूप से स्कैम सिग्नल का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि साइबर अपराध के हॉटस्पॉट की पहचान की जा रही है तथा जिन राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से अपराध की शुरुआत हो रही है, उन्हें सतर्क और संवेदनशील बनाया जा रहा है।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए फर्जी वेबसाइटों या विज्ञापनों और नकली सोशल मीडिया अकाउंट की पहुंच को बंद किया जा रहा है। इसके अलावा परेशानी मुक्त शिकायत की सुविधा के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर संदिग्धों की जांच और रिपोर्टिंग सुविधा विकसित की गई है।