उदयपुर, 05 जनवरी। केन्द्र सरकार ने पहले वेटलैंड सिटी एक्रिडिटेशन के लिए राजस्थान के उदयपुर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर शहर का नाम शामिल किया है। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इन तीनों शहरों को वेटलैंड घोषित करने का प्रस्ताव स्विट्जरलैंड रामसर संस्था को भेजा है। इन शहरों को आर्द्रभूमि (वेटलैंड) वाले शहर का टैग वाले इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर यह जानकारी दी। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि देश के पहले तीन शहरों इंदौर, भोपाल और उदयपुर को रामसर साइट के नामांकन के लिए पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लक्ष्य शहरी क्षेत्र से सटे आर्द्रभूमि के संरक्षण और उचित उपयोग के साथ स्थानीय आबादी के लिए सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देना है।
उदयपुर से जुड़े प्रस्ताव की बात करें तो गत 9 अक्टूबर 2023 को उदयपुर की जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उदयपुर को वेटलैंड सिटी बनाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया था। समिति अध्यक्ष जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उदयपुर शहर को वेटलैण्ड सिटी घोषित कराने के प्रस्ताव पर चर्चा कर अनुमोदन किया गया था। इसके बाद यह प्रस्ताव राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण को भेजा गया और वहां से प्रस्ताव केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया था।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर शहर सहित पूरा उदयपुर जिला झीलों और तालाबों से घिरा है। उदयपुर शहर के अंदर ही फतहसागर, पिछोला जैसी ऐतिहासिक झीलें हैं और शहर के समीप उदयसागर झील और बड़ा तालाब है। इसके अलावा जिले में जयसमंद झील भी आती है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में कई जलाशय हैं। मेनार बर्ड विलेज उदयपुर जिले की महत्वपूर्ण पहचान है। मेनार के दोनों तालाब मिलाकर मेनार साइट पहले ही वेटलैंड घोषित हो चुकी है और अब उदयपुर को वेटलैंड सिटी का दर्जा देने का प्रस्ताव दिल्ली से आगे बढ़ा है।
जानकारी के अनुसार अभी तक भारत का एक भी शहर वेटलैंड के रूप में शामिल नहीं है। जहां तक उदयपुर जिले की बाात है तो उदयपुर प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध है और उदयपुर के जलस्रोत वेटलैण्ड सूची में भी नामित हैं, ऐसे में वेटलैण्ड सिटी घोषित होने पर जलस्रोतों के संरक्षण में सहयोग मिलेगा। जलस्रोतों के कैचमेंट मैनेजमेंट, वाटरशेड मैनेजमेंट, इको ट्यूरिज्म, एग्रो ट्यूरिज्म आदि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
दरअसल, अगस्त 2023 में उदयपुर जिले के मेनार के दोनों तालाबों को मिलाकर वेटलैंड घोषित किया गया। तब राज्य सरकार ने राज्य के 44 वेटलैंड के लिए अंतिम अधिसूचना जारी की थी, इसमें मेनार भी था। उदयपुर जिले के बर्ड विलेज मेनार गांव के वेटलैंड को अधिसूचना में मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स नाम दिया गया। मेनार गांव में ब्रह्म तालाब और ढंड तालाब स्थित है और इनको मिलाकर ही मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। इसमें ढंड-ब्रह्म वेटलैंड कॉम्प्लेक्स का कुल क्षेत्रफल 132 हेक्टेयर है। इसमें 80 ढंड और 52 हेक्टेयर ब्रह्म तालाब का है।
वेटलैंड सिटी के यह होंगे फायदे
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। जल स्रोतों के संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा और इको ट्यूरिज्म बढ़ेगा। झीलों और जलाशयों में दूसरी गतिविधयां रुकेंगी। विश्व पटल पर उदयपुर शहर की एक अलग पहचान बनेगी। जैव विविधता व पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित होगी। शहरी विकास और पर्यावरण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में प्राथमिकता मिलेगी। जलाशयों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए स्थानीय निकायों की प्रतिबद्धता तय होगी।