
रामगढ़, 20 अगस्त । रामगढ़ जिले के रजरप्पा थाना क्षेत्र में कोयला तस्करों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि सीसीएल के अधिकारियों ने जिन गाड़ियों को पकड़ा वह सभी अब फरार हो चुके हैं। सीसीएल के अधिकारी हाईवा गाड़ियों के नंबर लेकर प्राथमिकी दर्ज करने थाने पहुंचे, लेकिन वहां भी उन्हें तवज्जो नहीं मिली। पुलिस ने उनका आवेदन लेने से भी इंकार कर दिया। यह आरोप सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र के जीएम कल्याणजी प्रसाद ने लगाया है। उन्होंने कहा है कि सीसीएल के जरिए कोयला तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की गई। लेकिन उन्हें पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा । अब उन्हें मजबूरन ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ेगी।
वन क्षेत्र में अवैध माइनिंग रोकने के लिए डीएफओ को दी सूचना
रजरप्पा क्षेत्र के जीएम कल्याण जी प्रसाद ने वन क्षेत्र में अवैध खनन रोकने के लिए डीएफओ को सूचना दी है। उनकी सूचना पर डीएफओ जानिया मारा जंगल और जंगल के उस क्षेत्र में पहुंचे जहां कोयला तस्करों के जरिए भंडारण किया गया था। डीएफओ के पहुंचने से पहले ही तस्करों ने वहां मौजूद सभी गाड़ियों को भगा दिया गया । यहां तक की एक जगह पर रखे गए अवैध कोयले के स्टॉक को भी उन लोगों ने खाली कर दिया था। जानिया मारा जंगल में जिस स्थान पर कोयले का भंडार रखा गया था, वहां सिर्फ ट्रैक्टर से ही पहुंचा जा सकता था।
तस्करों का कोयला सीज करने पहुंचे अधिकारी नहीं मिली एक भी गाड़ी
डीएफओ नीतीश कुमार ने बताया कि जीएम के सूचना के बाद वे कार्रवाई करने जंगल में पहुंचे थे। वहां उन लोगों ने कोयले को जब्त कर वन विभाग कार्यालय ले जाने की कोशिश की। आसपास के गांवों से ट्रैक्टर और हाईवा भाड़े पर मंगाने का प्रयास किया गया। गांव वालों ने तो पहले ही कोयला तस्करों की डर से अपनी गाड़ी देने से मना कर दिया। जब सीसीएल के हाईवा को मनाने की कोशिश की गई तो वह भी उतना मजबूत नहीं निकला कि वह खराब सड़क पार कर सके। मजबूरन वन विभाग के अधिकारियों को बैरन लौटना पड़ा। बुधवार को एक बार फिर उस इलाके से अवैध कोयले के भंडार को जब्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
वन विभाग में कोयला तस्करों के खिलाफ दर्ज होगी प्राथमिकी
डीएफओ नीतीश कुमार ने बताया कि वनपाल को कोयला तस्करों के नाम का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में तस्करों के खिलाफ वन विभाग में प्राथमिकी जरूर दर्ज होगी।