
कोलकाता 12 जून ।
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला रेजिडेंट डॉक्टर के बहुचर्चित बलात्कार और हत्या मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने चौथी स्टेटस रिपोर्ट कोलकाता के सियालदह अदालत में पेश की। इससे पहले चौबीस फरवरी को पिछली रिपोर्ट दाखिल की गई थी। हालांकि, जांच की धीमी रफ्तार को लेकर एक बार फिर पीड़िता के परिवार ने नाराजगी जताई है।
सीबीआई अधिकारियों ने अदालत को बताया कि उन्होंने घटना से संबंधित जो सीसीटीवी फुटेज बरामद किए हैं, उनकी तकनीकी जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है क्योंकि विश्लेषण के लिए भेजे गए वीडियो की रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, यह देरी जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।
पीड़िता की मां ने कहा कि हर सुनवाई और स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई केवल यही कहती है कि जांच जारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सीसीटीवी फुटेज सबसे महत्वपूर्ण सबूतों में से एक है, तो सीबीआई उसे अपने स्तर पर क्यों नहीं जांच रही और इसमें इतना वक्त क्यों लग रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता को आखिरी बार जिन चार लोगों के साथ देखा गया था, उन्हें पूछताछ के लिए अब तक हिरासत में क्यों नहीं लिया गया।
पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें अब निचली अदालत से नहीं, बल्कि तीस जून को कलकत्ता हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से ही उम्मीद है। उन्होंने सीबीआई पर गंभीर प्रक्रियात्मक चूक के आरोप भी लगाए और कहा कि अक्टूबर 2024 में दायर पहली और एकमात्र चार्जशीट के बाद एजेंसी ने कोई पूरक चार्जशीट दाखिल नहीं की और नवंबर के बाद परिवार से कोई संपर्क नहीं रखा।
गौरतलब है कि सीबीआई ने अगस्त 2024 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। जांच के दौरान एजेंसी ने केवल एक व्यक्ति पूर्व सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आरोपित बनाया। अक्टूबर 2024 को दाखिल चार्जशीट के आधार पर जनवरी 2025 में कोलकाता एक अदालत ने उसे बलात्कार और हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
इस जघन्य घटना के खिलाफ शहर में जूनियर डॉक्टरों, नर्सों और छात्रों ने लगातार प्रदर्शन किए हैं। परिवार की मांग है कि मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच हो तथा सभी संलिप्त लोगों को न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाया जाए।