नई दिल्ली, 01 मई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऐप आधारित धोखाधड़ी निवेश योजना से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में इलेक्ट्रानिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज किए बरामद किए हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है । सीबीआई ने यह जानकारी बुधवार को दी।

सीबीआई ने देश के 10 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के 30 स्थानों की तलाशी ली।

अभियान के तहत मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, सिम कार्ड, एटीएम व डेबिट कार्ड, ईमेल खाते जब्त किए हैं। सीबीआई को विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी हाथ लगे हैं।

सीबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड (दोनों निजी कंपनियां) और उनके निदेशकों पर आरोप है कि वे धोखाधड़ी वाले निवेश में शामिल थे। सीबीआई ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी, धारा 419, 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया था।

सीबीआई के मुताबिक जालसाजों पीड़ितों को बिटकॉइन खनन में उनके निवेश पर भारी रिटर्न के बहाने एचपीजेड टोकन ऐप में निवेश करने के लिए कथित तौर पर एक कार्यप्रणाली का इस्तेमाल किया। इस योजना में जनता को गैर-मौजूद क्रिप्टो-मुद्रा खनन मशीन किराये में निवेश करने के लिए गुमराह किया गया था।

सीबीआई के मुताबिक अब तक की जांच से पता चला है कि एचपीजेड एक ऐप-आधारित टोकन है। इस ऐप के इस्तेमाल से 150 बैंक खातों धन इकट्ठा किया गया था। इन फंडों का उपयोग शुरू में विश्वास बनाने के लिए भुगतान के लिए किया जाता था।

सीबीआई के मुताबिक यह धन व राशि अवैध रूप से भारत से बाहर स्थानांतरित किया जाता था। इस राशि को अक्सर क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जाता था या हवाला लेनदेन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता था।