नई दिल्ली, 20 मार्च। जम्मू-कश्मीर में अपात्रों को बंदूक के लाइसेंस जारी करने के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार काे 15 आरोपितों के खिलाफ दो आरोप-पत्र दायर किए हैं। यह आरोप पत्र सीबीआई द्वारा श्रीनगर स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत दायर किए गए। मामला वर्ष 2012-16 के दौरान का है। जब इस अवधि के दौरान नियमों का उल्लंघन करके अपात्र व्यक्तियों को जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में फायर आर्म्स लाइसेंस जारी किया गया। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
अपात्र व्यक्तियों को बड़ी संख्या में ऐसे लाइसेंस जारी करने के मामले में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट कुपवाड़ा इतरत हुसैन रफीकी, 4 गन हाउस डीलरों एवं मध्यस्थ व्यक्तियों सहित 10 आरोपितों के विरुद्ध आरपीसी, पीसी अधिनियम व शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक आरोप पत्र दायर किया गया।
एक अन्य आरोप पत्र तत्कालीन एडीएम कुपवाड़ा रविंदर कुमार भट्ट एवं 4 अन्य गन हाउस डीलर और मध्यस्थ व्यक्तियाें के विरुद्ध उक्त धाराओं के तहत दायर किया गया। सीबीआई के मुताबिक जांच में तत्कालीन लाइसेंसिंग प्राधिकारी व जिला मजिस्ट्रेट की बिचौलियों और अन्य गन हाउस डीलरों के साथ सांठगांठ का खुलासा हुआ।
सीबीआई ने जांच में पाया कि आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाते हुए गन हाउस डीलरों ने देश में दूर-दराज के स्थानों पर तैनात रक्षा कर्मियों को लालच दिया। बैगर पुलिस सत्यापन के अवैध तरीके से जिला कुपवाड़ा से उनके हथियार लाइसेंस जारी करवा लिए। इसके एवज में गन हाउस डीलरों और बिचौलियों द्वारा कथित तौर पर प्रति लाइसेंस अवैध रकम की उगाही की गई ।
सीबीआई के मुताबिक कुपवाड़ा जैसे सीमावर्ती जिले में अपात्र व्यक्तियों को अवैध तरीके से बड़ी संख्या में हथियार लाइसेंस जारी करना गंभीर चिंता का विषय है और कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।