
नई दिल्ली, 1 मई । केंद्रीय कैबिनेट के बुधवार को राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने की मंजूरी पर विपक्ष की टिप्पणी पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से जातिगत आरक्षण के खिलाफ रही है। भाजपा मुख्यालय में आज संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ‘कल जब यह फैसला लिया गया तो कुछ लोग भड़क गए। वे कह रहे थे ‘सरकार उनकी है, सिस्टम हमारा है’। उन्होंने सवाल किया कि 1951 में सरकार और सिस्टम पर किसका नियंत्रण था? उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि अगर देश में बाबा साहब और महात्मा गांधी नहीं होते, अगर नेहरू के मन में सामाजिक संवेदनशीलता का मुद्दा नहीं होता, अगर संविधान सभा से सलाह लेने की जरूरत नहीं होती, तो आज देश में आरक्षण नहीं होता। नेहरू जाति आधारित आरक्षण के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने सवाल किया कि मंडल आयोग की रिपोर्ट को 10 साल तक कालकोठरी में किसने बंद रखा? वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में भाजपा के सुझाव पर मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की। राजीव गांधी ने भी ओबीसी आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण दिए हैं। उनका सामाजिक न्याय उनके परिवारों के लिए न्याय तक सीमित है, उनसे हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? कांग्रेस हमेशा से देश के वंचित, आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों के खिलाफ रही है। इसीलिए आज उनका पाखंड दिख रहा है।उन्होंने कहा कि कल एक बार फिर इस देश की जनता ने सच्ची नीयत और खोखली नारेबाजी में फर्क देख लिया। लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया जातिगत जनगणना का फैसला सामाजिक न्याय के लिए एनडीए सरकार की प्रतिबद्धता का एक बहुत बड़ा कदम है।
केंद्रीयमंत्री प्रधान ने कहा कि ये फैसला एकाएक नहीं लिया गया। पिछले 11 साल में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘सबका साथ-सबका विकास’ इस सरकार का सैद्धांतिक और दार्शनिक मत रहा है। हमारे सारे कार्यक्रमों की, योजनाओं का मूल लक्ष्य सामाजिक न्याय ही रहा है। समाज के सभी वर्गों तक लाभ, सुविधा, सहूलियत वैज्ञानिक तरीके से पहुंचे ये हमारा लक्ष्य रहा है।
उन्होंने कहा कि 2021 में देश में जनगणना होनी थी, लेकिन कल राजनीतिक विषयों की समिति द्वारा आने वाली जनगणना में जातिगत जनगणना का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है। इसका संकेत देश के गृह मंत्री ने आज से लगभग 1 साल पहले दिया था। यह दर्शाता है कि भारत के वंचित वर्गों को उनका हक और अधिकार देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। पिछले 11 साल में जो अनुभव आया है, उससे आगे और अधिक स्पष्टता से करने के लिए ये ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि आज देश के सभी वर्गों के लोगों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस फैसले का स्वागत किया है।